टेनिस पटल पर छाए रहे रोजर फेडरर

रोजर फेडरर ने तमाम चुनौतियों को तोड़ते हुए पिछले कुछ वर्षों की तरह 2007 में भी अपने प्रतिद्वंद्वियों को बौना साबित करके टेनिस जगत पर अपनी बादशाहत कायम रखी और 2008 में उनका लक्ष्य सर्वकालिक महान खिलाड़ी बनना रहेगा।

फेडरर ने अपने अवसान की तरफ बढ़ रहे इस वर्ष में ऑस्ट्रेलियाई ओपन विम्बलडन और अमेरिकी ओपन खिताब की बखूबी रक्षा की, लेकिन फ्रेंच ओपन के फाइनल में पहुँचने के बावजूद उनका 'लाल बजरी' पर परचम लहराकर चारों ग्रैंड स्लैम जीतने का सपना पूरा नहीं हो पाया।

स्विट्जरलैंड के इस 26 वर्षीय स्टार खिलाड़ी ने अपने ग्रैंड स्लैम की संख्या 12 पर पहुँचा दी है और वह पीट सैम्प्रास के 14 ग्रैंड स्लैम के विश्व रिकॉर्ड तोड़ने के करीब हैं। यही नहीं, उन्होंने चौथी बार मास्टर्स कप जीतकर अपना 53वाँ खिताब हासिल किया तथा उन्होंने लगातार 200 सप्ताह तक नंबर एक खिलाड़ी बने रहने का रिकॉर्ड बनाया।

इस वर्ष आठ खिताब तथा 68 मैच जीतने वाले फेडरर ने कहा कि वास्तव में मैं बहुत खुश हूँ। यह वर्ष मेरे लिए बहुत अच्छा रहा। फेडरर ने लगातार पाँचवीं बार ‍‍विम्बलडन खिताब जीता। शंघाई में सत्र के अंत में उनकी जीत और यादगार रही क्योंकि वर्ष के अंत में उन्हें तीन बार हार का सामना करना पड़ा था। इनमें से दो बार डेविड नालबांडियान और एक बार फर्नाडो गोंजालेज ने उन्हें मात दी।

फरवरी में फेडरर ने जिमी कॉनर्स के सर्वाधिक सप्ताह (160) तक लगातार नंबर एक बने रहने का 30 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा तथा अमेरिकी ओपन के फाइनल में पहुँचकर वह लगातार वर्ष में चारों ग्रैंड स्लैम के फाइनल में पहुँचने वाले पहले खिलाड़ी बने।

दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी से नवंबर में तीन प्रदर्शन मैच में पराजित होने वाले सैम्प्रास को इसमें कोई शक नहीं कि उनका रिकॉर्ड टूट जाएगा। उन्होंने कहा वह अभी 26 साल का है और अगले चार साल तक अपने करियर के शिखर पर रह सकता है, इसलिए वह इसे तोड़ देगा यदि अगले साल नहीं तो बहुत जल्द।

फेडरर को ग्रैंड स्लैम के अपने अभियान में अगर किसी से संघर्ष करना पड़ा तो वह राफेल नडाल रहे। स्पेन के इस खिलाड़ी ने लगातार दूसरे साल नंबर दो के साथ वर्ष का अंत किया। उन्होंने फेडरर को लगातार दूसरे वर्ष फाइनल में मात देकर तीसरी बार फ्रेंच ओपन खिताब जीता।

फेडरर ने पेरिस पहुँचने से पहले हैम्बर्ग में नडाल को हराकर उनका क्ले कोर्ट पर लगातार 81 मैच जीतने के रिकॉर्ड पर विराम लगाया था लेकिन रोलाँ गैरो में फाइनल में वह स्पेनिश खिलाड़ी को नहीं रोक पाए।

विम्बलडन के फाइनल में भी इन दोनों के बीच मुकाबला था, जिसमें पाँच सेट तक मुकाबला चला लेकिन आखिर में फेडरर इसे 7-6, 4-6, 7-6, 2-6, 6-2 से जीतने में सफल रहे।

नडाल के लिए हालाँकि वर्ष का अंत निराशाजनक रहा। विम्बलडन के बाद उन्होंने स्टुटगार्ट में क्ले कोर्ट टूर्नामेंट में भाग लिया। यहाँ उन्होंने वर्ष का छठा खिताब भी जीता लेकिन आखिर में यह वर्ष का उनका अंतिम खिताब भी साबित हुआ।

नडाल को इसके बाद पाँव की अपनी पुरानी चोट से जूझना पड़ा, जिससे वह अब तक भी नहीं उबर पाए हैं। यदि नडाल की चोट 2008 में उनके तूफानी खेल में रोड़ा अटकाती है तो भी फेडरर की राह आसान नहीं होगी क्योंकि एक और युवा खिलाड़ी उन्हें कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है।

सर्बिया के नोवाक ड्यूकोविच वर्ष के अंत में तीसरे नंबर पर रहा। उन्होंने इस साल पाँच खिताब जीते में जिनमें मांट्रियल मास्टर्स के फाइनल में फेडरर को हराकर जीता गया खिताब भी शामिल है। फेडरर ने अमेरिकी ओपन के फाइनल में हालाँकि इसका बदला चुकता कर दिया था।

अगले वर्ष ब्रिटेन के एंडी मुरे से भी काफी आशाएँ लगी रहेंगी जबकि अमेरिका को 32वीं बार डेविस कप दिलाने में अहम भूमिका निभाने के बाद एंडी रोडिक भी फिर से ग्रैंडस्लैम जीतने का अपना सपना साकार करना चाहेंगे।

कोर्ट से इतर टेनिस में यह साल मैच फिक्सिंग विवाद के लिए भी जाना जाएगा। दुनिया के नंबर चार रूसी खिलाड़ी निकोले डेवीडेंको को पोलैंड में एक मैच के बाद फिक्सिंग की आशंकाओं के चलते जाँच से गुजरना पड़ा।

इस टूर्नामेंट में अर्जेंटीना के मार्टिन वासेला अर्गुएला की जीत पर सट्टेबाजी की बड़ी राशि लगी थी। डेवीडेंको पहला सेट जीतने के बाद चोट के कारण हट गए थे। इस वजह से उनसे उनकी बीवी और भाई से पूछताछ की गई।

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