सिंह-स्वभावगत कमियां
सिंह राशि का पुरुष अपने लिए स्वयं ही कष्टों का निर्माण करता है। वह वर्तमान पर कम भूत और भविष्य पर अधिक सोचता है। इनकी शंकालु प्रवृत्ति होती है एवं इस राशि का स्वामी सूर्य होने के कारण यह अग्नितत्व प्रधान ग्रह है, जिससे ये बात-बात पर अत्यधिक क्रोध करते हैं। स्वार्थ-भावना, ईर्ष्या तथा केन्द्र में रहने की भावना उनके दुर्गुण हैं। सिंह राशि के लोगों को अपने प्रारम्भिक जीवन में दूसरों पर विश्वास करने के कारण बहुत धोखा खाना पड़ता है। इन्हें प्रशंसा की भूख होती है। प्रशंसा के अभाव में वे प्रतिशोध तो नहीं लेते, अपितु अत्यन्त उदास हो जाते है। कमियों से बचने के उपाय गुरुवार का उपवास, दत्त, रामकृष्ण, हनुमान, शक्ति या गायत्रीदेवी में किसी भी एक देवता की उपासना करें अथवा एकादशी करना व गणेश की उपासना भी अच्छी मानी गई है। माणिक रत्न या बिल्व पत्र झाड़ की जड़ी पास में रखें तो दुःख दूर होगा। जिनकी शादी शीघ्र नहीं हो, उन्हें रविवार को उपवास करने से इच्छित फल मिलता है। सूर्य को जल तर्पण एवं रविवार का व्रत सदैव लाभकारी है। गेहूं, गुड़, लाल पुष्प, लाल चन्दन, तांबा एवं लाल वस्तुओं का दान करना शुभ फलप्रद है। ॐ ह्रा ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः - इस मंत्र का 7,000 जाप करना मनोकामना पूर्ति में सहायक होता है।

राशि फलादेश