Man and woman are complete human beings: जीवन के प्रारंभ से ही स्त्री-पुरुष साथ साथ रहते आए हैं। मानव इतिहास के सारे संघर्षों में नर-नारी का साथ रहा है।... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	Why questions are necessary: मनुष्य और दिमाग की जुगलबंदी सवाल और जवाब के बगैर नहीं हो सकती। यदि मनुष्य के मस्तिष्क में सवाल ही नहीं आते तो आज भी मनुष्य... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	विचार और प्रचार दोनों के बीच अंतर्संबंधों पर जब हम सोचते-विचारते हैं तो यह सूत्र मिलता है कि विचार ही प्रचार का जन्मदाता है। विचार मूलतः चिंतन प्रक्रिया... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	8 अरब मनुष्यों की दुनिया को भीड़ भरी दुनिया की संज्ञा दी जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं मानी जाएगी। पर आज की भीड़ भरी दुनिया में मनुष्यों के मन में अकेलेपन... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	Writing and reading stories: कहानी, उपन्यास लिखना और पढ़ना दोनों ही बातें हर किसी के बस में नहीं है। असीम धीरज चाहिए। वैसे तो इस दुनिया में कुछ भी किसी... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	मनुष्यों को जन्म के साथ ही प्राकृतिक रूप से वाणी मिलती है। मनुष्येतर अन्य जीवों को भी वाणी तो किसी न किसी रूप में मिलती ही है पर मनुष्यों ने जिस रूप-स्वरूप... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	किसी भी जीव को जीवन को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए नियमित आहार का जीव की जरूरत अनुसार निरन्तर मिलते रहना जीवन की अनिवार्य आवश्यकता है। मनुष्य और मनुष्येतर... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	Indian democracy: लोकतंत्र एक पक्षीय या एक दलीय नहीं हो सकता है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की सामान्य न्यूनतम निरंतर उपस्थिति से ही सामान्य रूप से लोकतंत्र... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	मनुष्य को जन्म के साथ ही मनुष्य शरीर को आकार मिलता है।पर मनुष्य का आकार,आचार, विचार और स्वभाव अपने आप में मनुष्यता का पर्याय नहीं बन जाते। मनुष्य और पशु... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	Mental stress: गुस्सा या तनाव क्षणिक हो तो उसे लहरों की तरह मन में आई क्षणिक स्थिति ही मनोविज्ञान में मानी जाती है। लगातार गुस्सा या तनाव और कभी भी किसी... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	मनुष्य की अवधारणाएं गजब की है। अवधारणाओं का जन्म कल्पना करने की मानवीय क्षमता से हुआ है। मानवीय क्षमता के दो आयाम हैं। पहला शारीरिक और दूसरा मानसिक या... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	Young population in India: भारत सभ्यता, संस्कृति, पारिवारिकता और दर्शन के संदर्भ में बहुत प्राचीन समय से अपनी मौलिक समझ और व्यापक जीवन शैली से जीवन जीने... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	मौन का विस्तार अनंत है या यह भी कहा जा सकता हैं कि मौन की व्यापकता सीमा से परे होकर मौन पूर्णत: असीम है। मौन ध्वनि विहीन होते हुए भी सार्थक होकर एक तरह... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	Lok Sabha Elections 2024: दो हजार 24 के लोकसभा चुनाव परिणाम में जो जनादेश आया है वह भारत के आम मतदाताओं की अनोखी दार्शनिक अभिव्यक्ति है। भारत के राजनैतिक... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	Lok Sabha Elections 2024: भारतीय चुनाव सीधे-सीधे केवल अंक गणित की तरह नहीं होता है। भारतीय चुनाव में एक पक्षीय चुनाव परिणाम भी आते रहे हैं तो खंडित जनादेश... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	Indian Politics: लोकतांत्रिक राजनीति का अर्थ किसी भी तरह से वोट का जुगाड करना हो गया है। इसका नतीजा यह हुआ कि समाज और राजनीति में बिना वोट की राजनीति पूरी... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	Mahatma Gandhi Death Anniversary: बिड़ला भवन दिल्ली में 30 जनवरी 1948 की शाम संध्याकालीन प्रार्थना पर निकले साकार गांधी अपने अंतिम शब्द 'हे राम' के साथ... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	Ayodhya Ram Temple: भारतीय लोक मानस लोक महासागर की तरह गहराई लिए हुए है। लोक मानस की गहराई और विविधता अनोखी पर सहजता लिए होती है। हम अगर यह कहे कि भारतीय... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	solution to life challenges: आठ अरब जनसंख्या वाली इस विशाल दुनिया में कोई भी मनुष्य अकेला क्यों महसूस करने लगता है? इतनी बड़ी दुनिया में जहां हर कहीं लोग... 
       			
          
         
	    		 
            	
                
                
				
                   	हिंसा और नफ़रत मानव समाज के स्थाई भाव नहीं हैं। जैसे प्राकृतिक आग सदैव प्रज्ज्वलित नहीं रहती वैसे ही सांप्रदायिक और जातीय हिंसक घटनाएं भी तात्कालिक रूप...