अनिल शर्मा

राममंदिर को छोड़कर कुछ ही मुद्दे या विषय ऐसे हैं, जिन पर जज्बाती भाषण देकर भाइयों और बहनों की धड़कनें धड़क उठती हैं।
मोहल्ला स्तर के नेताओं तक ने सरकारी योजनाओं के गुलाब जामुन खाए और अपनों को खिलाए। फिर बात चाहे आवास योजना की हो, शिक्षा की हो या फिर बीपीएल कार्ड या कामकाजी...
हमारे यहां बुलेट ट्रेन है, जेट हवाई जहाज है, अंतरिक्ष यात्रा पर जा चुके हैं फिर भी हम विकासशील क्यों हैं, क्योंकि इन सबके बावजूद हमारे देश में भ्रष्टाचार...
स्कूली बच्चों की सुरक्षा की गाइड लाइन बनाई जाए और उस पर पूरी तरह से पालन कराया जाए तो आधे से ज्यादा निजी मान्यता प्राप्त स्कूल कालेज और कोचिंग क्लासेस...
इंदौर लोकसभा सीट से इस बार कौन सा दल बाजी मारेगा, इसके समीकरण लगने शुरू हो गए हैं। मालवा-निमाड़ की अधिकांश
चुनाव का माहौल है, साथ ही चौकीदारी का माहौल भी। हर राजनीतिक दल जनता की चौकीदारी कर रहा है कि जनता को परेशानी तो नहीं। जनता भी खुश है कि फ्री-फुग्गे में...
लोकतांत्रिक व्यवस्था की सबसे बड़ी खामी यही है कि लापरवाही, अनियमितता और भ्रष्टाचार का बोलबाला रहता है और इसी वजह से लोकतांत्रिक चुनाव में मतदान का प्रतिशत...
चार दिन की जिंदगी... लेकिन ये गलत कि दो दिन खुशी दो दिन गम... गम है तो जाने का नाम ना ले... खुशी है तो दामन ना छोड़े। आज के दौर में जो खुशी विरासत में (भ्रष्टाचार...