Ayodha Ram Mandir : खत्म होगा 500 सालों का इंतजार, रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा आज, डेढ़ अरब देशवासी बनेंगे इस ऐतिहासिक पल के साक्षी

सोमवार, 22 जनवरी 2024 (00:41 IST)
Ayodha Ram Mandir : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में आज दोपहर रामलला की श्यामल प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न होगा। 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद आज करीब डेढ़ अरब देशवासी ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे। इस अद्‍भुत क्षण का साक्षी बनने के लिए देश-दुनिया के करीब आठ हजार अतिप्रतिष्ठित हस्तियां यहां पहुंच रही हैं। आज दोपहर 12:20 बजे से शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा है। 
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रामलला विराजित : रविवार शाम को रामलला की पुरानी प्रतिमा (रामलला विराजमान, जिनकी पूजा हो रही है) को राम मंदिर ले जाया गया। रामलला के साथ उनके तीनों भाई, हनुमान जी और शालिग्राम भी नए मंदिर पहुंचे।
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सभा को करेंगे संबोधित : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या स्थित नवनिर्मित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा समारोह दोपहर के आसपास भाग लेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री आयोजन स्थल पर संतों और प्रतिष्ठित हस्तियों समेत 7,000 से अधिक लोगों की सभा को संबोधित करेंगे।
 
पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल हो रहे हैं। ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश के सभी प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक संप्रदायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
 
बयान में कहा गया कि विभिन्न आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न क्षेत्रों के लोग भी समारोह में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री को अक्टूबर, 2023 में श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के लिए निमंत्रण मिला था।
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कुबेर टीला भी जाएंगे : पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण से जुड़े श्रमजीवियों के साथ बातचीत करेंगे। वह कुबेर टीला भी जाएंगे, जहां एक प्राचीन शिव मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है। मोदी पुनर्निर्मित मंदिर में दर्शन भी करेंगे। कुबेर टीला में मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में जटायु की मूर्ति की स्थापना के अलावा प्राचीन शिव मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है।  
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नागर शैली में बना मंदिर : पारंपरिक नागर शैली में बना मंदिर परिसर 380 फुट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फुट चौड़ा और 161 फुट ऊंचा है। मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फुट ऊंची है और इसमें कुल 392 स्तंभ तथा 44 द्वार हैं। मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं के चित्र अंकित हैं।
 
भूतल पर मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम के बाल स्वरूप (श्री रामलला की मूर्ति) को रखा गया है। मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहां 'सिंह द्वार' के माध्यम से 32 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है।
 
पांच मंडप : मंदिर में पांच मंडप- नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्राथना मंडप एवं कीर्तन मंडप हैं। बयान में कहा गया कि मंदिर के पास सीता कूप है, जो प्राचीन काल का एक ऐतिहासिक कुआं है।
 
जमीन की नमी से सुरक्षा के लिए ग्रेनाइट का उपयोग करके 21 फुट ऊंचे चबूतरे का निर्माण किया गया है। मंदिर परिसर में एक मल-जल शोधन संयंत्र, जल शोधन संयंत्र, अग्नि सुरक्षा के लिए जल आपूर्ति और एक स्वतंत्र बिजली स्टेशन है। बयान में कहा गया कि मंदिर का निर्माण देश की पारंपरिक और स्वदेशी तकनीक से किया गया है।
 
114 कलशों के पवित्र जल से स्नान कराया गया : रविवार सुबह भगवान राम की मूर्ति को 114 कलशों के पवित्र जल से स्नान कराया गया, जिसमें देशभर के विभिन्न तीर्थ स्थलों का ‘‘औषधीय और पवित्र जल’’ शामिल रहा।
 
राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक छठे दिन के अनुष्ठान में दैनिक पूजा, हवन और जाप देर शाम तक जारी रहा। अनुष्ठान कक्ष में भगवान राम की पुरानी मूर्ति की भी पूजा की जा रही है। चेन्नई और पुणे सहित विभिन्न स्थानों से लाए गए विभिन्न फूलों का उपयोग करके पूजा की गई।
 
इसके अलावा रविवार की पूजा में मंदिर न्यास के सदस्य अनिल मिश्रा और उनका परिवार तथा और विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष डॉ. आरएन सिंह शामिल हुए। प्रतिष्ठा समारोह के अनुष्ठान 16 जनवरी को सरयू नदी से शुरू हुए। मंदिर परिसर में भगवान राम की मूर्ति का आगमन 17 जनवरी को हुआ था और इसकी प्राण प्रतिष्ठा सोमवार दोपहर को की जाएगी। एजेंसियां

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