लंदन रिटर्न पुष्पम प्रिया का बिहार की राजनीति के सच से सामना,चुनाव को बताया धर्म-अधर्म का युद्ध

विकास सिंह

मंगलवार, 20 अक्टूबर 2020 (09:55 IST)
बिहार विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों और चुनावी कैंपेन के चलते सुर्खियां बटोरने वाली प्लुरल्स पार्टी और उसकी अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में आ डटी है। राजनीति के मैदान में उतरने के साथ पुष्पम और उनकी पार्टी के उम्मीदवारों का सामना बिहार की राजनीति की कड़वे सच से भी हो रहा है। पार्टी के उम्मीदवारों के साथ दुर्व्यवहार और महिला उम्मीदवारों पर भद्दें कमेंट किए जाने और उनका मजाक उड़ाए जाने को लेकर पुष्पम काफी परेशान है। 
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चुनाव प्रचार में जुटी पुष्पम लगातार अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ मारपीट,गाली-गलौच और धमकी के मुद्दे को जोर शोर से उठा रही है। सोशल मीडिया पर बेहद एक्टिव रहने वाली पुष्पम प्रिया ने ट्वीट कर कहा कि भगाना, धमकाना, डराना,पीटना, मामूली बातों से नामांकन रद्द कर देना, महिला उम्मीदवारों पर सेक्सिस्ट कमेंट करना, NR कटवाने, फ़ॉर्म के लिए भी गिड़गिड़ाना! लालू-नीतीश राज में फ्री-फ़ेयर चुनाव हो ही नहीं सकता। सच में धर्म-अधर्म का युद्ध हो गया ये तो! इससे पहले पुष्पम ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ मारपीट की घटना को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर चुकी है।

प्लुरल्स के मेनिफेस्टो में बिहार बदलने का वादा- चुनाव को लेकर प्लुरल्ट पार्टी ने अपना जो चुनावी मेनिफेस्टो जारी किया है उसकी पंच लाइन “द प्लान: टोटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन और सबका शासन” है। "8 दिशा आठों पहर" के नाम से मेनिफेस्टो में पांच साल में बिहार टोटल ट्रांसफॉर्मेशन का दावा किया गया है।  
द प्लुरल्स पार्टी के मेनिफेस्टो की मुख्य बातें-
1. आठ डिवेलप्मेंट ग्रोथ ज़ोन में विकास, एक्सप्रेसवे से जुड़े आठ नए ग्रेट सिटीज़ 
2. प्रत्येक डिवेलप्मेंट ज़ोन में आठ औद्योगिक ज़ोन की स्थापना 
3. कृषि को उद्योग का दर्जा 
4. हर ज़ोन में एक लाख स्टार्ट-अप: कृषि, उद्योग, आईटी और फ़ाइनैन्स आधारित 
5. हर ज़ोन में फ़्लड एंड इरिगेशन मैनेजमेंट सिस्टम 
6. प्रत्येक ज़ोन में लर्निंग के आठ स्टेट ओंफ द आर्ट शिक्षा केंद्र 
7. प्रत्येक वार्ड और पंचायत में आठ बुनियादी इंफ़्रास्ट्रक्चर 
8. ग़रीबी रेखा के नीचे के परिवार को जीवन की आठ बुनियादी सुविधा 
बिहार: सबका शासन 
1. नौकरशाही की कार्यप्रणाली-सोच में बदलाव, सभी कर्मी स्थायी, समान वेतन  
2.पुलिस में आमूल-चूल बदलाव - यूनिफ़ॉर्म से मानसिकता तक, आधुनिकीकरण  
3. एजुकेशनल रिफ़ॉर्म: कॉमन स्कूल सिस्टम, शिक्षा की गुणवत्ता 
4. हेल्थ रिफ़ॉर्म: प्रत्येक परिवार के लिए एक निर्धारित डॉक्टर
5. शराबबंदी की समाप्ति, शराब पीकर हिंसा पर कठोर कार्रवाई 
6. सभी प्रकार की वीआईपी सुविधाओं - बंगला, गाड़ी, बॉडीगार्ड, रौब का अंत 
7. सभी शहर-गाँव, मुहल्ले-टोले, चौक-चौराहे, ट्रांसपोर्ट में चप्पे-चप्पे सीसीटीवी 
8. सरकारी सेवा में भ्रष्टाचार पर कठोरतम कार्रवाई और "लोग सर्वोपरि हैं"।
 

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