बिलकुल नहीं बदले अमिताभ : मौसमी चटर्जी

आगामी फिल्म 'पीकू' में नजर आने वाली मौसमी चटर्जी पिछले कुछ समय से बॉलीवुड से दूर हैं, जब उनसे पूछा गया कि वे इतने दिनों से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से दूर क्यों रहीं तो उन्होंने बताया कि इसका कारण फिल्म इंडस्ट्री के पिछले सालों में उनका बुरा अनुभव रहा। 62 साल की बॉलीवुड एक्ट्रेस मौसमी की आखिरी रिलीज फिल्म 'जिंदगी रॉक्स' थी, जो 2006 में रिलीज हुई थी। उन्होंने बताया कि उनको कई बार फिल्म निर्माताओं ने धोखा दिया, जिसकी वजह से उन्होंने बॉलीवुड से दूरी बना ली।
रोल क्या से क्या बन जाता है
मौसमी बताती हैं, फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे लोग हैं जो आपको फिल्म में काम करने का प्रस्ताव देते हैं, लेकिन वे सिर्फ प्रस्ताव ही देते हैं और उनको पूरा नहीं करते। मैं इन सबकी गवाह रही हूं। जब लोग आपके पास रोल लेकर आते हैं तो कहते हैं यह बेहतरीन रोल है, लेकिन जब वे उसे शूट करते हैं तो वह कुछ और बन जाता है, एडिट के बाद कुछ और ही बन जाता है और पोस्ट प्रोडक्शन के बाद वह क्या बन जाता है आप कल्पना भी नहीं कर सकते।        
 
बुरे दौर से गुजरी हूं
मौसमी के अनुसार उनके साथ कई बार इस तरह का धोखा हुआ। 'जिस रोल के लिए मुझे साइन किया गया था, फिल्म के रिलीज के बाद मैंने पाया कि मेरा रोल तो उसके उलट है जिसके लिए मुझे साइन किया गया था। इस तरह से मैं बहुत ही बुरे दौर से गुजरी हूं। अब मैं फिर से इस तरह की घटनाओं का भागीदार नहीं बनना चाहती। मैं अब बॉलीवुड में अपने रोल के लिए बहुत संजीदा हूं।' बॉलीवुड से मौसमी भले ही दूर रही हों, लेकिन वे इस दौरान बंगाली फिल्मों में अभिनय करती हुई देखी गईं। उन्होंने इस दौरान 'गोयनार बाक्शो' और 'जापानीज़ वाइफ' जैसी बड़ी फिल्मों में काम किया।    
 
मौसमी की नीति
नौ साल के लंबे अंतराल के बाद शुजीत सरकार की फिल्म 'पीकू' के साथ मौसमी बॉलीवुड में वापसी करने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अब वह फिल्म तभी करेंगी जब उन्हें लिखित में बताया जाए कि आपको कौन सा रोल मिलने वाला है। उन्होंने बताया कि जो भी रोल मैं करूंगी उसके लिए पहले से कागजात में दस्तखत करवा लूंगी कि मैं कौन सा रोल करने वाली हूं। मैं यह कतई नहीं सुनना चाहती कि मेरा रोल किसी कारण से काट दिया गया है। लेकिन अगर फिल्म का कोई शॉट एडिट किया जाता है तो ठीक है, लेकिन ये सब करने के पहले उन्हें मुझे जानकारी देनी होगी।     
 
पीकू के लिए इसलिए हुईं राजी
मौसमी कई यादगार फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं, जिनमें बालिका वधु, अनुराग, अंगूर जैसी प्रसिद्ध फिल्में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वे 'पीकू' फिल्म में काम करने के लिए इसलिए राजी हुईं क्योंकि उन्हें सरकार की फिल्म 'विकी डोनर' और 'मद्रास कैफे'  का काम पसंद आया था। वे कहती हैं, मुझे सरकार की दोनों फिल्में बेहद पसंद आईं थीं। जब सरकार ने पीकू के बारे में बताया तो मुझे इसके बारे में अपनी सहमति देने में 4 से 5 माह का समय लग गया। मुझे सरकार पर पूरा भरोसा है और यकीन है कि वे मेरे रोल के साथ न्याय करेंगे।  
 
बिलकुल नहीं बदले अमिताभ 
पीकू में अमिताभ बच्चन एक बार फिर से मौसमी के साथ नजर आएंगे। दोनों इसके पहले मंजिल, बेनाम और रोटी कपड़ा मकान जैसी फिल्में कर चुके हैं। मौसमी कहती हैं, मैं इस फिल्म में काम करने को लेकर बहुत खुश हूं। अमिताभ से मैं लंबे समय के बाद मिली, वह बिल्कुल नहीं बदले। पहले की ही तरह वह ऊर्जावान और प्रोफेशनल हैं। इस उम्र में उनको काम करते देखना वास्तव में अद्‍भुत है।
 
आलसी हूं 
मौसमी ने बताया कि अगर उन्हें बढ़िया स्टोरी लाइन वाली फिल्में मिलती हैं तो वह बॉलीवुड में फिल्म करने के लिए तैयार हैं। मैं एक आलसी एक्ट्रेस हूं। मुझे फिल्में करने के लिए प्रेरित होना पड़ता है। मैं फिल्म में कोई भी रोल करने के लिए तैयार रहती हूं बशर्ते रोल थोड़ा महत्वपूर्ण हो। मैं बढ़िया रोल करने में यकीन रखती हूं क्योंकि दिन के अंत में मैं यह ना सोचूं कि मैंने कुछ किया ही नहीं। 

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