ईशा गुप्ता : सीक्वल्स से चमकेंगी

सौंदर्य प्रतियोगिताओं तथा मॉडलिंग से फिल्मों का रुख करने वाली बालाओं की लिस्ट बड़ी लंबी है। देखा जाए तो इन सौंदर्य प्रतियोगिताओं को बॉलीवुड में आने के लिए बेहतर मंच की तरह भी देखा जाता है। मॉडलिंग, रैम्प और विज्ञापनों के बाद फिल्में सुंदरियों का अगला कदम होती हैं। ये अलग बात है कि अब तक आई ऐसी अनेक सुंदरियों में से बी-टाउन में स्थायी मुकाम बनाने में कुछ ही कामयाब हुई हैं। इस लिस्ट में नया नाम 'ईशा गुप्ता' का जुड़ने जा रहा है।

मिस इंडिया इंटरनेशनल का ताज जीतने और मिस इंटरनेशनल प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली ईशा जन्नत-2, जिस्म-2, राज-3 तथा तेज़ जैसी फिल्मों में काम पाकर करियर की धमाकेदार शुरुआत कर चुकी हैं। यही नहीं ईशा किंगफिशर गर्ल भी रही हैं।

कहा ये भी जा रहा है कि शायद ईशा 'क्रिश-2' में भी उस रोल में जगह पा जाएँ, जिसके लिए पहले कंगना रानौत से लेकर सोनाक्षी सिन्हा, चित्रांगदा सिंह तथा जैकलीन फर्नांडीस तक का नाम लिया जा चुका है। यानी कुल मिलाकर फिलहाल तो ईशा के सितारे बुलंद हैं।

ईशा की किस्मत कितनी अच्छी है, इसका पता इस बात से भी चलता है कि वे अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 'हम, आप और प्यार' नाम की फिल्म से करने जा रही थीं, जिसके हीरो थे 'उपेन पटेल' ( कौन उपेन पटेन...? अरे वही जो चायना टाउन में अजीब से एक्सप्रेशन्स देते दिखे थे और गुजराती एक्सेंट में अंग्रेजी बोलते हैं)।

वह फिल्म अब तक अधर में ही है और इस तरह ईशा अपने करियर की शुरुआत में ही शापग्रस्त होने से बच गईं। खैर... तो अब ईशा, जन्नत-2 से करियर का आगाज़ करेंगी और उनके हीरो होंगे... वही इमरान हाशमी...और कौन...? तो आखिर इमरान के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?

ईशा के अनुसार- 'इमरान बहुत शानदार इंसान हैं। मैंने कुछ सीन में रीटेक पर रीटेक दिए, लेकिन उन्होंने बिलकुल भी बुरा नहीं माना...(?) वे तो बहुत ही धैर्य के साथ हर बार शॉट के लिए रेडी हो जाते थे। उन्होंने मेरी बहुत मदद की, बल्कि कई बार तो उनका सीन नहीं होता था, फिर भी वे कैमरे के पीछे बैठकर मुझे गाइड करते रहते थे।' सो स्वीट ऑफ इमरान खान ना...! वैसे ईशा भट्ट कैंप की फिल्मों के अलावा यूँ भी इमरान के पास ज्यादा काम कहाँ होता है। और फुर्सत में वे कम से कम आपको तो एक्टिंग के बारे में कुछ सिखा ही सकते हैं...।

जानकारों के अनुसार ईशा को भट्ट कैंप ने फिलहाल मीडिया के करीब जाने और अपनी फिल्म के बारे में ज्यादा बात करने की मनाही कर रखी है। वे चाहते हैं कि ईशा की एंट्री परदे पर आग लगाने वाली हो।

गौरतलब बात यह है कि अब भट्ट कैंप की अधिकांश फिल्मों में हीरोइन परदे को जलाने के लिए ही इस्तेमाल की जाती हैं। उनकी फिल्मों में अधिकांशतः हीरो ही ज्यादातर रीलें पूरी कर लेता है...। देखना यह है कि ईशा के हिस्से कितने सीन और कितनी शोहरत आती है?

- रेशम अरोरा

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