बजट 2004-05

* आयकर, निगमित कर, उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क और सेवा कर पर दो प्रतिशत का शिक्षा उपकर।
* सेवाकर की दर आठ प्रतिशत से बढ़ाकर दस प्रतिशत करने और कई सेवाएँ कर दायरे में लाने का प्रस्ताव।
* एक लाख रुपए तक की कर योग्य आमदनी वाले व्यक्तियों को आयकर नहीं लगेगा। कर की स्लैब और दरों में कोई परिवर्तन नहीं।
* पीपीएफ, जीपीएफ और विशेष जमा योजना सहित लघु बचतों पर ब्याज दरें यथावत।
* दूरसंचार के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अधिकतम सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत, नागरिक उड्डयन में 40 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत और बीमा क्षेत्र में 26 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत।
* विदेशी निवेश संस्थानों के लिए ऋण निधियों में निवेश सीमा एक अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 1.75 अरब अमेरिकी डॉलर की जाएगी।
* इक्विटी प्रधान म्यूच्युअल फंडों पर लाभांश में कर छूट जारी रहेगी।
* मजबूत जोखिम प्रबंध प्रणालियों वाले बैंकों को पूँजी बाजार के मामले में अधिक ढील।

* निवेश आयोग गठित किया जाएगा।
* लघु उद्योग क्षेत्र की आरक्षित सूची में से 85 मदें हटाई जाएँगी।
* ऑटोमोबाइल उद्योग को अपनी अनुसंधान और विकास सुविधाओं पर खर्च की 150 प्रतिशत कटौती की सुविधा।
* टन भार कर लगाने का नौवहन उद्योग का अनुरोध मंजूर।
* ग्रामीण इलाकों में खुलने वाले 100 तथा अधिक बिस्तरों वाले नए अस्पतालों को कर लाभ।
* प्रतिभूति सौदों से दीर्घावधि पूँजी लाभों के स्थान पर सौदों पर कर, लघु अवधि के पूँजीगत लाभों पर कर घटाकर दस प्रतिशत।
*ट्रैक्टरों, डेयरी मशीनरी और फावड़े जैसे हाथ के औजार को उत्पाद शुल्क से पूरी तरह छूट।
* मांस, मुर्गी और मछली उत्पादों पर उत्पाद शुल्क 16 प्रतिशत से घटाकर आठ प्रतिशत।
* कम्प्यूटरों पर उत्पाद शुल्क से पूरी छूट। दो हजार रुपए से कम के रसोई गैस चूल्हों और 250 रुपए तक के जूतों को उत्पाद शुल्क में राहत।

* सहकारी बैंकिंग प्रणाली में सुधार के लिए कार्यबल गठित किया जाएगा।
* त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के लिए 2800 करोड़ रुपए।
* राष्ट्रीय सम विकास योजना के जरिये बिहार के लिए 3225 करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक पैकेज।
* पूर्वोत्तर क्षेत्र को विशेष परियोजनाओं और योजनाओं के लिए 650 करोड़ रुपए।
* जम्मू-कश्मीर को उचित योजना आकार, बगलीहार परियोजना और भारतीय रिजर्व बैंक के तौर तरीकों में परिवर्तन के लिए विशेष सहायता।

* काम के बदले अनाज, सर्वशिक्षा अभियान, बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा, पेयजल आदि कार्यक्रमों के लिए दस हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान।
*अन्त्योदय अन्न योजना के दायरे में दो करोड़ परिवार और।
* खाद्य, स्टाम्प वितरण के लिए प्रायोगिक योजना शुरू की जाएगी।
* रक्षा बजट 65 हजार 300 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 77 हजार करोड़ रुपए।
* केन्द्रीय करों में राज्यों का हिस्सा लगभग तीस प्रतिशत बढ़ेगा, जो कि 63 हजार 758 करोड़ रुपए से बढ़कर 82 हजार 227 करोड़ रुपए हो जाएगा।
* भारत सरकार के ऋणों पर राज्यों को 10.5 प्रतिशत के स्थान पर नौ प्रतिशत ब्याज देना होगा।
* 2003-04 के संशोधित अनुमानों में आयोजना खर्च एक लाख 21 हजार 507 करोड़ रुपए से बढ़ाकर एक लाख 45 हजार 590 करोड़ रुपए किया गया।
* प्रत्यक्ष करों से दो हजार करोड़ रुपए अधिक प्राप्त होंगे। राजस्व को बरकरार रखने के लिए अप्रत्यक्ष कर में परिवर्तन।
* राजकोषीय घाटा 4.4 प्रतिशत पर सीमित। 2003-04 के संशोधित अनुमानों में 4.8 प्रतिशत था।
* राजस्व घाटा 2008-09 तक समाप्त किया जाएगा।

वेबदुनिया पर पढ़ें