बुनियादी ढाँचे में मप्र की उपेक्षा

शनिवार, 1 मार्च 2008 (17:01 IST)
बजट में लगातार पाँचवें साल इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है। इस क्षेत्र के लिए बजट में कोई भी घोषणा नहीं की गई है। बजट में मध्यप्रदेश के बुनियादी ढाँचे की भी पूरी तरह उपेक्षा की गई है।

मप्र के लिए न ही कोई बिजली परियोजना की घोषणा की गई है, न ही सड़कों के लिए कोई राशि आवंटित की गई है। वित मंत्री ने बिजली उत्पादन के लिए 28 हजार करोड़ के निवेश की घोषणा की, पर उसमें से प्रदेश के खाते में कुछ भी नहीं आया है।

बिजली योजनाओं के लिए 2800 करो
* अतिरिक्त विद्युत उत्पादन के लिए ग्यारहवीं योजना का लक्ष्य 78,577 मेगावाट क्षमता है। यह पिछली तीन योजनाओं में जुड़ी कुल क्षमता से अधिक है। मार्च 2008 के अंत तक, हम किसी योजना अवधि में पहला सबसे अच्छा साल चिन्हित करते हुए लगभग 10,000 मेगावाट की वाणिज्यिक प्रचालन तारीख का लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे।
* चौथी अल्ट्रा मेगा विद्युत परियोजना (यूएमपीपी), तिलैया का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा।
* छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में पाँच और यूएमपीपी लाने की संभावना है। बशर्ते कि राज्य अपेक्षित सहायता प्रदान करें।
* सरकार ने 28,000 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता से ग्यारहवीं योजना अवधि केदौरान राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना जारी रखने का अनुमोदन कर दिया है। इसके लिए बजट में 5,500 करोड़ रुपए (एनईआर सहित) का आवंटन किया गया।
* त्वरित विद्युत विकास और सुधार परियोजना के लिए 2008-09 में 800 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।

निवेश, अवसंरचना उद्योग और व्यापा
* वित्तमंत्री ने बजट में निवेश और उद्योग जगत को निराश ही किया है। इस क्षेत्र के लिए कोई खास घोषणाएँ नहीं की गई हैं। वर्ष 2003-04 में बचत दर और निवेश दर क्रमशः 29.8 प्रतिशत और 28.2 प्रतिशत थी। आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा लगाए गए अनुमानों के अनुसार, 2007-08 के अंत तक ये दरें क्रमशः 35.6 प्रतिशत और 36.3 प्रतिशत होंगी। यह प्रवृत्ति विदेशी निवेश की दिशा में भी परिलक्षित हुई है।
* अप्रैल-दिसंबर 2007-08 की अवधि केदौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 12.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर और विदेशी संस्थागत निवेश 18 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहे हैं। हमारी नीति घरेलू और विदेशी, निजी और सरकारी निवेश केसभी स्रोतों को प्रोत्साहित करने की है।
* 2008-09 में, सरकार केंद्रीय सरकारी क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) में इक्विटी सहायता केरूप में 16,436 करोड़ रुपए और ऋण के रूप में 3,003 करोड़ रुपए उपलब्ध कराएगी। वर्तमान में 44 सीपीएसई सूचीबद्घ हैं।
* सरकार की नीति है कि अधिक सीपीएसई को सूचीबद्घ किया जाए ताकि उनकी वास्तविक क्षमता प्रकट की जा सक और कारपोरेट अभिशासन में सुधार किया जा सके।

उत्पादन सूचकांक में मंद
* छः महत्वपूर्ण अवसंरचना उद्योगों केउत्पादन के सूचकांक तथा समग्र औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में कुछ मंदी हुई है। यह गिरावट उपभोक्ता वस्तुओं, खासकर उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के मामले में कुछ तरक्की रही है। पूँजीगत वस्तुओं में वृद्घि 20.2 प्रतिशत पर अभी भी बहुत ऊँची है जो यह दर्शा रही है कि उद्योग में भारी पूँजी निवेश हो रहे हैं।

बुनकरों का स्वास्थ्य बीम
* कपड़ा मंत्रालय की दो मुख्य योजनाएँ समेकित वस्त्र पार्क योजना और प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि (टीयूएफ)- ग्यारहवीं योजना अवधि में भी जारी रहेंगी।
* सभी 30 समेकित वस्त्र पार्कों का अनुमोदन किया गया है और चार पार्कों के 20 एककों में उत्पादन शुरू।
* 2008-09 में एसआईटीपी के लिए 425 करोड़ रुपए का प्रावधान।
* टीयूएफ के प्रावधान को 911 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2008-09 में 1,090 करोड़ रुपए किया गया।
* हथकरघा सेक्टर के विकास के लिए सामूहिक दृष्टिकोण में त्वरित प्रगति हुई है। 250 समूहों का विकास हो रहा है। 443 यार्न बैंक स्थापित होंगे।
* मार्च 2008 तक 17 लाख से अधिक बुनकर परिवारों को स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल किया जाएगा।
* इसके लिए आवंटन बढ़ाकर 340 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव।
* अवसंरचना और उत्पादन दोनों में वृद्घि करने के लिए छः केन्द्रों को विकसित किया जाएगा।

कोयला विनियामक
* सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों को 13,842 मिलियन टन आरक्षित भंडार वाले 53 कोयला ब्लॉक अप्रैल-जनवरी 2007-08 के दौरान आवंटित किए गए हैं। अक्टूबर 2007 में एक नई कोयला वितरण नीति अधिसूचित की गई थी।
* इसके अलावा बजट में एक कोयला विनियामक नियुक्त करने की घोषणा भी की गई।

1 लाख ब्रॉडबैंड कनेक्श
* सरकार की दूरदर्शी नीति से सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाओं में वृद्घि।
* सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के आवंटन को 2007-08 में किए गए 1,500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 2008-09 में 1,680 करोड़ रुपए करने की घोषणा।
* ग्रामीण क्षेत्रों में 1लाख ब्रॉडबैंड इंटरनेट आधारित सामान्य सेवा केन्द्रों की स्थापना होगी। इससे राज्यव्यापी क्षेत्र नेटवर्क (स्वान) स्थापित करने की एक योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
* राज्य आँकड़ा केन्द्रों के लिए नई योजना भी अनुमोदित।
* सामान्य सेवा केन्द्रों के लिए 75 करोड़ रुपए, स्वान के लिए 450 करोड़ रुपए और राज्यव्यापी केन्द्रों के लिए 275 करोड़ रुपए का प्रावधान।

स्वर्णिम चतुर्भुज योजन
* राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम के सभी चरणों में प्रगति जारी है। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के पूरा होने की दर 96.48 प्रतिशत है।
* उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम मार्ग परियोजना की विकास दर 23.36 प्रतिशत है। इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
* 2007-08 में 180 किमी सड़क पूरी की गई है और 2008-09 के लिए 300 किमी सड़क निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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