जनगणना का इतिहास

जनगणना का कार्य हर 10 साल के अंतराल पर 1872 से लगातार किया जा रहा है।

*भारत की जनगणना 1872 के बाद इस अबाध श्रृंखला की 14वीं और स्वतंत्र भारत की 7वीं जनगणना है।
*जनगणना कार्य 'जनगणना अधिनियम 1948' और इसके तहत बनाए गए "जनगणना नियम 1990" (संशोधित अधिनियम 1993) के तहत किया जाने वाला सबसे बड़ा शासकीय कार्य है। इस कार्य को करने वाला व्यक्ति सरकारी ड्यूटी पर माना जाता है।
*भारत की जनगणना का कार्य विश्व का सबसे बड़ा समयबद्घ रूप से किया जाने वाला प्रशासनिक कार्य है।
*जनगणना में पूछे जाने वाले सवालों को भारत सरकार एवं राज्य सरकार के राजपत्रों में भी प्रकाशित किया जाता है।
*जनगणना, युद्घ, महामारी, प्राकृतिक आपदा, राजनीतिक असंतोष जैसी विपत्तियों के बावजूद भी सतत रूप से की जाती रही है।
*जनगणना में लोगों की भागीदारी से देश की अनेकता में एकता की भावना की झलक मिलती है।
*देश के भविष्य निर्माण में जनगणना के आँकड़ों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इन आँकड़ों के आधार पर ही योजनाओं का निर्माण और उनका क्रियान्वयन किया जाता है।
*जनगणना के आँकड़ों का विकास योजनाओं की समीक्षा के लिए बहुत उपयोग किया जाता है।

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