Chandrayaan-3 : केरल के छात्रों ने भी दिया चंद्रयान मिशन में सहयोग, इंजीनियरिंग कॉलेज मना रहे जश्न

शुक्रवार, 25 अगस्त 2023 (22:39 IST)
Cooperation of Kerala students in Chandrayaan-3 Mission : दुनियाभर में भारतीयों द्वारा चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता का जश्न मनाए जाने के बीच केरल के 2 इंजीनियरिंग कॉलेज इस महत्वपूर्ण चंद्र मिशन में अपने कुछ भूतपूर्व छात्रों द्वारा निभाई अहम भूमिका को लेकर आल्हादित हैं।
 
सफल चंद्र मिशन में योगदान देने वाले कई अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने यहां तिरुवनंतपुरम के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से स्नातक की पढ़ाई की है जबकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) प्रमुख एस. सोमनाथ नजदीकी कोल्लम में थंगल कंजु मुसलियार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (टीकेएमसीई) के छात्र रह चुके हैं।
 
अपने भूतपूर्व छात्रों के योगदान पर संस्थान की खुशी तथा गर्व व्यक्त करते हुए सीईटी के प्रधानाचार्य डॉ. सेवियर जेएस ने कहा कि चंद्रयान-3 कॉलेज के लिए एक गौरवशाली क्षण है। उन्होंने कहा, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम को चंद्रयान मिशन की सफलता में अपने कई भूतपूर्व छात्रों द्वारा निभाई भूमिका पर बेहद गर्व है।
 
उन्होंने बताया कि सीईटी के सैकड़ों भूतपूर्व छात्र इसरों के विभिन्न केंद्रों में काम करते हैं और इसरो के सभी प्रमुख मिशन में अहम योगदान देते हैं। सीईटी के 1986 बैच से चंद्रयान-3 मिशन के निदेशक एस. मोहन कुमार, चंद्रयान-3 के एसोसिएट मिशन निदेशक जी. नारायणन, मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र के निदेशक एम. मोहन, एवियोनिक्स की उप निदेशक अथुला देवी, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक ए. राजाराजन ने चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सफल लैंडिंग में योगदान दिया है।
 
कोल्लम का टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग भी चंद्रयान-3 की सफलता से काफी प्रसन्न है क्योंकि इसरो प्रमुख सोमनाथ ने इसी कॉलेज से पढ़ाई की है। टीकेएमसीई केरल में सरकार द्वारा सहायता प्राप्त पहला इंजीनियरिंग कॉलेज था। कॉलेज प्रबंधन ने भारत के चांद पर पहुंचने के तुरंत बाद फेसबुक पर पोस्ट किया, चंद्रयान चंद्रमा पर पहुंच गया है। हमारे सम्मानित भूतपूर्व छात्र सोमनाथ सर की अगुवाई में इसरो टीम को सलाम। जय हिंद।
 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज के भूतपूर्व छात्रों के योगदान का सोशल मीडिया पर उल्लेख किया। उन्होंने हाल में कहा, सराहना के लायक : इसरो प्रमुख डॉ. सोमनाथ केरल में कोल्लम के टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं और उनके कई सहकर्मी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, तिरुवनंतपुरम (सीईटी) से उत्तीर्ण हुए हैं।
 
थरूर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, भारतीयों में आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान) के लिए जुनून रहता है लेकिन आइए इंजीनियरिंग कॉलेज के उन गुमनाम भूतपूर्व छात्रों को सलाम करें जो समर्पण के साथ सार्वजनिक क्षेत्र की सेवा करते हैं और जो इसरो जैसे राष्ट्रीय उद्यम की रीढ़ हैं।
 
इसरो ने बुधवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस लैंडर मॉड्यूल की ‘सॉफ्ट लैंडिग’ कराने में सफलता हासिल की। भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

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