‘कोरोना’ को लेकर क्‍यों दुनियाभर में हो रही भारत की तारीफ?

चीन से फैले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में आतंक सा मचा दिया है। दुनिया में इस संक्रमण से मरने वालों की संख्‍या 6 हजार को पार गई है। वहीं 1.6 लाख से ज्‍यादा लोग कोरोना के संक्रमण का शिकार होकर इलाज करा रहे हैं। सबसे ज्‍यादा मौतें चीन और इटली में हुई है। भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की तादाद 110 तक पहुंच गई है। हालांकि इनमें से 13 लोगों को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है।

लेकिन इन सबके बीच जो सबसे महत्‍वपूर्ण बात है वो यह है कि कोरोना के संबंध में पूरी दुनिया में भारत की तारीफ हो रही है। दरअसल, 135 करोड़ वाली जनसंख्या वाले भारत देश में बहुत कम लोग कोरोना के संक्रमण का शिकार हुए है।

इसके उल्‍टा इटली जैसे छोटे से देश में कोरोना ने मौत का तांडव मचा दिया है। भारत में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जिस तरह से केंद्र और राज्य सरकारों पहल की, और इसे भारत की सीमा में घुसने नहीं दिया, उसे लेकर भारत की योजना, तरीका और तैयारी काबिल ए तारीफ मानी जा रही है। इस मामले में भारत ने अमेरिका जैसे देश को भी पीछे छोड दिया है।

जैसे ही यह खबर फैली थी भारत ने बगैर देर किए अपने अंतराराष्‍ट्रीय हवाईअड्डों पर यात्रियों की स्‍क्रीनिंग शुरू कर दी थी, जबकि अमेरिका करीब 4 दिन बाद स्‍क्रनिंग में जागा, तब तक लाखों लोग अमेरिका की सरहद में एंट्री कर चुके थे, जाहिर है इनमें कई संक्रमित लोग भी शामिल होंगे।

ठीक इसी तरह भारत ने तत्‍काल कई राज्‍यों पर चौकसी बढा दी। कोई संदिग्‍ध मिलते ही उसका इलाज शुरू कर दिया गया। अमेरिका के साथ ही कई अन्‍य देश भी इस मामले में भी पीछे ही रहे।

इधर दिल्‍ली में भी सरकार ने बेहद त्‍वरित और कारगर कदम उठाए। अभी भारत में सिर्फ 2 ही मौतें हुई हैं, जबकि करीब 100 ही संक्रमित लोग मिले हैं, लेकिन दिल्‍ली में मॉल, सिनेमाघरों और जिम खोलने पर पाबंदी लगा दी है। वहीं 50 से ज्‍यादा लोगों के एकत्र होने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर 50 से ज़्यादा लोग प्रदर्शन स्थल पर होंगे तो उनके ख़िलाफ़ संक्रामक बीमारी एक्ट 1897 के तहत उस इलाक़े के डीएम (उपायुक्त) और एसडीएम कार्रवाई करेंगे। जबकि यहां स्‍कूल, कॉलेज और स्‍विमिंग पुल पर पहले से ही प्रतिबंध है।

भारत में कोरोना की जांच की गति भी अन्‍य देशों से तेज है। 20 जनवरी से अब तक भारत में करीब ढाई लाख लोगों की जांच की जा चुकी है, जबकि लाखों लोगों की प्राथमिक स्‍क्रीनिंग की जा चुकी है।  
इधर मीडिया ने भी जागरुकता फैलाने का काम किया। मीडिया लगातार यह बताती रही कि कोरोना से डरने की जरुरत नहीं है, बल्‍कि सावधानी बरतने की जरुरत है।

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