असम में एक IPS अधिकारी निभा रहे दोहरी भूमिका, Corona मरीजों का कर रहे इलाज

रविवार, 6 सितम्बर 2020 (18:15 IST)
गुवाहाटी। असम में खाकी वर्दी पहने एक युवा आईपीएस अधिकारी कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के दौरान संक्रमित मरीजों का इलाज कर लोगों का दिल जीत रहे हैं। यह दोहरी भूमिका निभाने में उनकी मेडिकल पृष्ठभूमि इस वक्त उनके खूब काम आ रही है।

बारपेटा के पुलिस अधीक्षक रॉबिन कुमार भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 2013 बैच के अधिकारी हैं। वह मेडिसिन (एमबीबीएस, एमडी) में विशेषज्ञ हैं। इससे उन्हें इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत के मुताबिक अपने कर्तव्यों के निर्वहन में मदद मिल रही है और वह मौजूदा चिकित्सा आपात स्थिति के दौरान जरूरतमंदों को इलाज मुहैया करा रहे हैं।

जिले में कोविड-19 के मामले बढ़ने से उनकी यह दोहरी भूमिका और महत्वपूर्ण हो गई है। जिला पुलिस प्रमुख की जिम्मेदारी निभाने के अलावा कुमार वर्तमान में बारपेटा पुलिस रिजर्व में पुलिसकर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए 50 बिस्तरों वाला एक कोविड केयर सेंटर भी चला रहे हैं। इसमें चार आईसीयू हैं। उनकी योजना महिलाओं और वृद्धजनों के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाने की भी है।

कुमार ने कहा, मैं इसे लेकर खुशकिस्मत हूं कि मैं जिला पुलिस प्रमुख और एक चिकित्सक, दोनों की भूमिकाएं निभा रहा हूं। इससे मुझे असीम संतुष्टि मिल रही है। पुलिस अधीक्षक ने बारपेटा में 50 वर्ष या इससे अधिक आयु के पुलिसकर्मियों के लिए एक स्वास्थ्य शिविर भी लगाया।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले कुमार ने कुछ साल पहले असम के तेजपुर में अपनी पिछली पदस्थापना के दौरान सबसे पहले एक स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया था। उन्होंने कहा, महामारी के शुरू होने पर मैंने बारपेटा में पुलिसकर्मियों के लिए एक कोविड केयर सेंटर खोलने को लेकर असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भास्कर ज्योति महंत की अनुमति ली। अब हम इसे सुगमता से संचालित कर रहे हैं।
ALSO READ: कोरोनावायरस की चपेट में आए अर्जुन कपूर, खुद को घर में किया क्वारंटीन
कोविड केयर सेंटर में चार आईसीयू, 32 सामान्य बिस्तर और 14 अन्य बिस्तर हैं। कुमार के इन कार्यों की सराहना की जा रही है। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने पुलिस अधीक्षक के इस कार्य को मानवता की सेवा के लिए एक महान कार्य बताया।
ALSO READ: मोदी सरकार का नया प्लान, 69,000 पेट्रोल पंपों पर लगेंगे ईवी चार्जिंग कियोस्क
सोनोवाल ने कहा, सही मायने में (वह) असम पुलिस के योद्धा हैं। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों की मदद के लिए अपने कौशल का उपयोग कर बारपेटा के एसपी डॉ. रॉबिन कुमार ने मानवता के प्रति सेवा का महान कार्य किया है।

वहीं आईपीएस एसोसिएशन ने कहा कि कुमार ने अग्रिम मोर्चे से नेतृत्व कर एक उदाहरण स्थापित किया है।एसोसिएशन ने ट्वीट किया, रक्षा की पहली पंक्ति। डॉ. रोबिन कुमार, एसपी, बारपेटा पुलिस ने अग्रिम मोर्चे से नेतृत्व कर एक उदाहरण स्थापित किया है। कोरोना वायरस के खिलाफ राष्ट्र की लड़ाई में, डॉ. कुमार, एमडी (मेडिसीन), ने व्यक्तिगत रूप से एक स्वास्थ्य शिविर लगाया।

पुलिस की वर्दी पहने और आला (स्टेथेस्कोप) लिए पुलिसकर्मियों का इलाज करते हुए उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर आने के बाद उनके सहकर्मियों ने भी उनकी दोहरी भूमिका की सराहना की। उत्तर प्रदेश पुलिस में एडीजी रेणुका मिश्रा ने ट्वीट किया, बहुत अच्छा काम पुलिस अधिकारी, महान कार्य डॉक्टर। धन्यवाद रोबिन।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) में पुलिस अधीक्षक एस. पराशर ने ट्वीट किया, धन्यवाद रोबिन। इस सेवा में आप और बुलंदियों को छुएं। कुमार ने अपने एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई मेरठ के लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज से की थी।

कुमार ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि पुलिस समुदाय और आम लोगों से इतनी उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिलेगी। बारपेटा में करीब 76 पुलिसकर्मी पिछले कुछ महीने में संक्रमित हुए थे और कुमार ने उनमें से हर किसी की व्यक्तिगत रूप से देखभाल की।

उन्होंने कहा, सौभाग्य से वे सभी इस रोग से उबर गए और अपनी ड्यूटी पर लौट गए हैं। यह पूछे जाने पर कि एक विशेषज्ञ चिकित्सक होने के बावजूद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा क्यों दी, कुमार ने कहा कि 2011 में उन्हें डेंगू हो गया था जब वह दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में कार्यरत थे और तब उन्हें पुलिस में भर्ती होने का विचार आया था।
उन्होंने कहा, चिकित्सक के रूप में हम तस्वीर का एक हिस्सा हैं, सिविल सेवक के तौर पर मैं दोनों भूमिकाएं निभा रहा हूं।(भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी