देश को लॉकडाउन से बचाना है, इसे अंतिम उपाय के रूप में ही अपनाएं राज्य : PM नरेंद्र मोदी

मंगलवार, 20 अप्रैल 2021 (21:55 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि तूफान बनकर आई कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देश के सामने बड़ी चुनौती पैदा कर दी है लेकिन धैर्य और अनुशासन तथा संकल्प के साथ जनभागीदारी की ताकत से देश इस तूफान को परास्त कर सकता है।
 
मोदी ने देशभर में कोरोना के संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बिना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अचानक मंगलावार रात पौने नौ बजे देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश एक बार फिर कोरोना से बड़ी लड़ाई लड़ रहा है पिछले वर्ष की स्थिति फिर भी संभली हुई थी लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तूफान बन कर आई है जिससे बडी चुनौती उत्पन्न हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब देश कोरोना से लडने के लिए पहले की तुलना में कहीं अधिक तैयार है।
डॉक्टरों के पास विशेषज्ञता है और वे लोगों की जान बचा रहे हैं। टेस्ट बढ रहे हैं बहुत मजबूती और धैर्य से लड़ाई लड़ी है। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय देशवासियों को जाता है वे अनुशासन और धैर्य के साथ लड़ते हुए देश को यहां तक लाए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हम इस बार भी जनभागीदारी की ताकत से कोरोना के तूफान को भी परास्त कर पाएंगे।
उन्होंने राज्यों का आह्वान किया कि वे मजदूरों तथा श्रमिकों और कामगारों में विश्वास और भरोसा पैदा करें कि वे जहां हैं वहीं रहें क्योंकि उन्हें वहां काम भी मिलेगा और वैक्सीन भी मिलेगी। उन्होंने राज्यों से कहा कि लॉकडाउन अंतिम विकल्प होना चाहिए और सभी की यह पूरी कोशिश होनी चाहिए कि इसकी नौबत न आए। हमें मिलकर देश की अर्थव्यवथा को भी संभालना है और अपने आपको भी बचाना है।
 
मोदी ने कहा कि देश कठिन समय में धैर्य नहीं खोने और सही निर्णय लेने के मंत्र को सामने रखकर काम कर रहा है और जो कदम उठाए गए हैं उनसे तेजी से स्थिति सुधरेगी।
 
उन्होंने देशवासियों को आश्वस्त किया कि वे साहस, धैर्य और अनुशासन को न छोड़ें तो देश भी परिस्थितयों को बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर देश को लॉकडाउन से बचाना है। हमारा सारा जोर इस बात पर होना चाहिए कि लॉकडाउन के अंतिम विकल्प की जरूरत न पड़े। इसके लिए राज्य सरकारों को माइक्रो कंटेनमेंट जोन की व्यवस्था पर जोर देना होगा।
 
रामनवमी के मौके पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि देशवासियों को कोविड व्यवहार की सभी मर्यादाओं का पूरी तरह पालन करने का संकल्प लेना होगा। रमजान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस पवित्र महीने से हमें धैर्य और अनुशासन की सीख मिलती है जो हमारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण है। हमें दवाई भी और कड़ाई भी के मंत्र का शत प्रतिशत पालन करना है।
 
देश के युवाओं का विशेष रूप से आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे अपने घरों में इस तरह का माहौल बनायें कि बिना जरूरी काम के घर का कोई सदस्य बाहर नहीं निकले। उन्होंने कहा कि युवा आगे आयें और अनुशासन का पालन करवाए तो न तो कर्फ्यू की जरूरत पड़ेगी और न ही लॉकडाउन की। प्रचार माध्यमों से भी उन्होंने अपील की कि वे लोगों को जागरूक करें और इस दिशा में अपने प्रयास और अधिक बढाएं जिससे डर का माहौल कम हो सके। 
 
लोग अफवाह और भ्रम में न आएं। उन्होंने कहा कि देशभर में कई संस्थाएं जरूरतमंदों की मदद कर रही हैं। सबसे अपील है कि अधिक से अधिक लोग आगे आएं तथा जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाएं क्योंकि पुरुषार्थ और सेवाभाव से ही हम यह लड़ाई जीत पाएंगे।
 
उन्होंने कहा कि देश में ऑक्सीजन और दवाओं की कमी को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं और इसमें केन्द्र, राज्य तथा निजी क्षेत्र सब मिलकर प्रयास कर रहे हैं। सरकार की कोशिश है कि हर जरूरतमंद को आक्सीजन तथा दवा दोनों मिले। अस्पतालों में बेड की संख्या बढाई जा रही है। कुछ श्हरों में विशाल कोविड अस्पताल बनाये जा रहे हैं। 
 
साथ ही देश भर में व्यापक स्तर पर टीकाकरण भी किया जा रहा है। बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन का लाभ मिल चुका है अब देश की वैक्सीन का आधा हिस्सा राज्यों और अस्पतालों को भी मिलेगा। एक मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को भी टीका लगाया जायेगा। कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे डॉक्टरों तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के सेवाभाव तथा समर्पण को भी उन्होंने नमन किया।

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