पश्चिम बंगाल ने नहीं दी 'स्पुतनिक वी वैक्‍सीन' के परीक्षण को मंजूरी

रविवार, 22 नवंबर 2020 (17:01 IST)
कोलकाता। पश्चिम बंगाल रूस के कोरोनावायरस (Coronavirus) के संभावित टीके स्पुतनिक वी के दूसरे चरण का क्लिनीकल परीक्षण करने का मौका गंवा सकता है, क्योंकि राज्य सरकार की ओर से परीक्षण के लिए मंजूरी मिलने में देरी हो रही है।

यह जानकारी परीक्षण कराने में शामिल एक संगठन के शीर्ष अधिकारी ने रविवार को दी। यह परीक्षण उत्तर 24 परगना के सरकारी कॉलेज ऑफ मेडिसन एवं सागर दत्ता अस्पताल (सीएमएसडीएच) में इस हफ्ते के अंत में होना था। इसी के साथ यह परीक्षण देश के अलग-अलग हिस्सों में छह अन्य केंद्रों में भी चलेगा।

साइट प्रबंधन संगठन क्लिनीमेड लाइफ साइंसेज के व्यापार विकास प्रमुख एस कोनेर ने कहा कि सीएमएसडीएच में स्पुतनिक-वी टीके के दूसरे चरण के परीक्षण को मंजूरी देने में राज्य के स्वास्थ्य विभाग के धीमे रवैए की वजह से हम इसके परीक्षण का मौका गंवाने के कगार पर हैं। हमने चार नवंबर को मंजूरी के लिए आवेदन किया था लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

उन्होंने कहा कि सीएमएसडीएच में शुरुआती व्यवहार्यता प्रक्रिया अन्य केंद्रों के साथ शुरू हुई थी जहां परीक्षण होना है, लेकिन वक्त पर मंजूरी नहीं मिल सकी। कोनेर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की मंजूरी हासिल करने के बाद, परीक्षण शुरू करने से पहले अस्पताल की संस्थागत आचार समिति (आईईसी) की भी सहमति जरूरी होती है।

अन्य छह संस्थानों की आईईसी ने परीक्षण के लिए पहले ही सहमति दे दी है। संपर्क करने पर स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न उजागर करने के अनुरोध पर बताया, यह हमारे विभाग का आंतरिक मामला है। बहरहाल, मेरा मानना है कि त्यौहार होने की वजह से कई सरकारी छुट्टियां पड़ने के कारण मंजूरी प्रक्रिया में देरी हुई हो सकती है। मैं इस बारे में ज्यादा बात नहीं कर सकता हूं। हम इसे देखेंगे।

स्पुतनिक-वी का परीक्षण फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज रूसी डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के समन्वय में करेगी। आरडीआईएफ कोविड-19 के अपने संभावित टीके की 10 करोड़ खुराकों की आपूर्ति डॉ. रेड्डीज लैब को करेगा। दूसरे चरण के परीक्षण के लिए देशभर से 100 लोगों को चुना जाएगा।(भाषा)

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