पाठकों के पत्र (प्रतिक्रियाएँ)

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वेबदुनियज-साआपकप्रिस्‍तंभ 'पाठकोपत्र' बाफिरूप-रंमेप्रस्‍तुहैइसकमाध्‍यअपनप्रतिक्रियाएप्रेषिसकतहैं, जिन्‍हेसाप्‍ताहिरूप्रकाशिकरेंगेन्‍यूनतम 50 अधिकतम 100 शब्‍दोमेअपनप्रतिक्रियव्‍यक्‍सकतहैं। - संपाद

मैं पिछले पाँच-छ: वर्षों से वेबदुनिया का नियमित पाठक हूँ। मुझे यह वेबसाइट बहुत पसंद है। यह मेरी अपनी भाषा में है। मुझे वेबदुनिया का नया प्रारूप भी बहुत पसंद आया। मैं वेबदुनिया के सभी आलेख पढ़ता हूँ। धर्म-दर्शन मेरा सबसे पसंदीदा चैनल है। तुलसीदास की रचनाएँ भी मुझे बहुत पसंद हैं। यदि आप तुलसीदास जी की विनयावली, कवितावली इत्यादि हिंदी में उपलब्ध करवा सकें तो बहुत अच्छा होगा

पंकज ([email protected]m)


एग पराठे की रेसिपी मुझे बहुत पसंद आई। लेकिन अगर इस पर थोड़ी-सी बारीक कटी हुई हरी धनिया भी डाल दी जाए और फिर पुदीने की चटनी के साथ इसे खाया जाए तो यह और भी स्वादिष्ट हो जाएगा

जर्दानसरार zardanaasrar ([email protected]n)


‘कृष्ण और गोपिकाए’ आलेख बहुत अच्छा लगा। यह आलेख उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण और उपयोगी है, जो नहीं जानते कि प्रेम और आत्मा का संतोष क्या होता है।

निखिल ([email protected]n)


कन्या लग्न और हीरे के संबंध में यह आलेख बहुत अच्छा लगा। इसके लिए आपको ढेर सारी बधाइयाँ। मैं प्रतिदिन वेबदुनिया के आलेख पढ़ता हूँ।

रतन ([email protected]m)


क्षमा चाहूँगा, लेकिन ‘ज्योतिषी और उनके लक्ष’ आलेख मुझे पसंद नहीं आया

विकास ([email protected]m)


वेबदुनिया पर आलेख ‘सूरज के लिए बचाव कार्य ते’ बहुत महत्वपूर्ण और उपयोगी है। मानव श्रम और मशीनों का सही इस्तेमाल करने के लिए हमें किसी भी कीमत पर सौर ऊर्जा को बचाना चाहिए और उसका सही इस्तेमाल करना चाहिए।

जीतेंद्र सिंह चौहान ([email protected]m)


मैं हर रोज वेबदुनिया पढ़ती हूँ। यह बहुत अच्छी वेबसाइट है और ढेर सारी जानकारियों से परिपूर्ण है

हिना पटेल ([email protected]t)

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