नितिन गडकरी : प्रोफाइल

नितिन गडकरी को दिसंबर 2009 में भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया था, हालांकि इससे पहले आम चुनावों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। वे महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री भी रह चुके हैं और उनके कार्यकाल को राज्य में बहुत सारी सड़कों, राजमार्गों और फ्लाईओवर्स का निर्माण किया गया। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में वे महाराष्‍ट्र के नागपुर संसदीय क्षेत्र से विजयी हुए हैं।

नितिन गडकरी का जन्म नागपुर जिले के एक मध्यम वर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। अपनी किशोरावस्‍था में वे भारतीय युवा मोर्चा और भाजपा की छात्र शाखा एबीवीपी के लिए काम करते थे।

नितिन का कंचन गडकरी से विवाह हुआ था और उनके तीन बच्चे हैं जिनके नाम निखिल, सारंग और केतकी हैं। वे नागपुर में रहते हैं और उनका घर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुख्यालय के पास है। पिछले वर्ष 24 जून, 2012 को उनके बेटे सारंग का विवाह मधुरा रोडी के साथ हुआ था।

नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र सरकार में 1995 से 99 तक लोक निर्माण मंत्री के तौर पर काम किया था। वे महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

जब निजी कंपनियों से बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में निवेश का मामला उठा तो उन्होंने निजीकरण के समर्थन में आवाज उठाई। उन्होंने सरकार को कहा कि निजी निवेशकों, ठेकेदारों, बिल्डर्स और विभिन्न व्यापारी संगठनों के बीच संबंधों को मजबूत बनाया जाए।

उन्होंने सरकार को राजी किया कि वह ग्रामीण कनेक्टिविटी के लिए करीब 700 करोड़ रुपए दे। अगले चार वर्षों में महाराष्ट्र की कुल आबादी की 98 फीसदी आबादी को सड़क संपर्क मिला। इससे राज्य के लोगों की कई परेशानियां समाप्त हो गईं। इससे उन गांवों को सड़क मार्ग मिला जोकि स्वतंत्रता के बाद से सड़क के लिए तरस रहे थे।

केन्द्र सरकार ने उन्हें नेशनल रूरल रोड डेवलपमेंट कमिटी का अध्यक्ष बनाया था। उन्होंने 60 हजार करोड़ रुपए की एक महत्वाकांक्षी योजना पेश की जिसे आज प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लोकप्रिय नाम से जाना जाता है।

वे भाजपा प्रमुख होने के साथ-साथ अपनी पूर्ति ग्रुप ऑफ कंपनीज के अध्यक्ष हैं। वे महाराष्ट्र विधायी परिषद में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा वे बहत सारी समितियों, संस्थाओं, संगठनों और सरकारी योजनाओं से जुड़े रहे हैं।

नितिन गडकरी अपने को राजनीतिज्ञ नहीं मानते हैं और वे खुद को व्यापारी-उद्योगपति कहलाया जाना पसंद करते हैं। वे कृषि के कामों से भी गहरे जुड़े हैं।

उनकी पूर्ति ग्रुप ऑफ कंपनीज की बहुत से उद्योगों में मौजूदगी है। हालांकि इसके साथ ही उन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहे हैं। उन पर यह भी आरोप है कि गडकरी ने राज्य के किसानों की मदद करने की बजाय अपने उद्योगों को बढ़ावा दिया।

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