बंगाल समेत 5 राज्यों के वोटरों से‌ संयुक्त किसान मोर्चा करेगा BJP उम्मीदवारों को हराने की अपील, 6 मार्च को KMP एक्सप्रेस-वे जाम करने का ऐलान

विकास सिंह

मंगलवार, 2 मार्च 2021 (20:12 IST)
भोपाल। कृषि कानूनों को लेकर पिछले 97 दिन से दिल्ली का घेरा डालकर बैठे किसान संगठनों अब पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा ‌चुनाव में भाजपा के विरोध का फैसला किया है।
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मंगलवार को‌ संयुक्त ‌किसान मोर्चा की बैठक‌ के‌ किसान संगठनों के‌ ‌नेताओं ने ऐलान किया कि जिन राज्यों में अभा चुनाव हो रहे हैं, उन राज्यों में संयुक्त ‌किसान मोर्चा जनता के सामने भाजपा के किसान-विरोधी, गरीब-विरोधी नीतियों को रखकर चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों को हराने की अपील करेंगे। भाजपा को हराने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के नेता चुनाव वाले राज्यों का दौरा करेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
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इसके साथ‌ किसान आंदोलन ‌के 100 दिन पूरे होने पर संयुक्त ‌किसान मोर्चा ने कई कार्यक्रमों का ऐलान करते हुए कहा कि पूरे भारत में एक 'MSP दिलाओ अभियान' शुरू किया‌ जाएगा। अभियान के तहत विभिन्न बाजारों में किसानों की फसलों की कीमत की वास्तविकता को दिखाया जाएगा, जो मोदी सरकार व एमएसपी के झूठे दावों और वादों को उजागर करेगा। यह अभियान दक्षिण भारतीय राज्यों कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में शुरू किया जाएगा। पूरे देश में किसानों भी इस अभियान में शामिल किए जाएंगे
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघू बॉर्डर पर एक बैठक में निर्णय लिया कि 6 मार्च 2021 को, दिल्ली बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन शुरू होने के 100 दिन पूरे होने पर उस दिन दिल्ली व दिल्ली बॉडर्स के विभिन्न विरोध स्थलों को जोड़ने वाले केएमपी एक्सप्रेसवे  पर‌ सुबह 11 से शाम 4 बजे तक 5 घंटे की नाकाबंदी की जाएगी। इस दौरान टोल प्लाजा को भी फ्री कराया जाएगा।
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आंदोलन ‌के 100 दिन पूरे होने पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए, घरों और कार्यालयों पर काले झंडे लहराए जाएंगे। इसके साथ किसान काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे, वहीं 8 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा महिला किसान दिवस के रूप में मनाएगा।

देशभर के सभी सयुंक्त किसान मोर्चे के धरना स्थल पर 8 मार्च को महिलाओ द्वारा संचालित होंगे। इस दिन महिलाएं ही मंच प्रबंधन करेंगी और वक्ता होंगी। एसकेएम ने उस दिन महिला संगठनों और अन्य लोगों को आमंत्रित किया कि वे किसान आंदोलन के समर्थन में इस तरह के कार्यक्रम करें और देश में महिला किसानों के योगदान को उजागर करें।

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