पढ़िए, घोषणा पत्र में क्या कहते हैं अरविंद केजरीवाल

गुरुवार, 3 अप्रैल 2014 (23:48 IST)
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने लोकसभा चुनावों के लिए गुरुवार को जारी किए गए अपने घोषणापत्र में चुनाव और न्याय वितरण प्रणाली में सुधार के साथ ही चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु 25 से घटाकर 21 वर्ष करने सहित कई और वादे किए।

लोकसभा चुनाव में पहली बार उतरने वाली 'आप' ने न्यायिक व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अदालत कक्षों में सीसीटीवी लगाने का प्रस्ताव किया। नवम्बर 2012 में गठित होने वाली 'आप' 543 संसदीय सीटों में से 430 पर अपने उम्मीदवार उतार रही है।

'आप' प्रमुख अरविंद केजरीवाल की ओर से जारी किए गए 26 पृष्ठों के घोषणापत्र में पार्टी ने कई प्रमुख मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है जिसमें अर्थव्यवस्था, विदेश नीति, आंतरिक सुरक्षा, चुनाव सुधार, रक्षा और जम्मू-कश्मीर शामिल है।

केजरीवाल ने कहा कि भ्रष्टाचार पर काबू करना पार्टी के केंद्र बिंदु में है। उन्होंने कहा कि 'आप' की शीर्ष प्राथमिकताओं में एक ऐसा प्रभावी जनलोकपाल लाना है जो ‘प्रधानमंत्री से लेकर संदेशवाहक तक को उसकी दायरे में ला सके।’ घोषणा-पत्र जारी करते हुए 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शक्ति का विकेंद्रीकरण, तय समय पर सेवाएं मुहैया कराने के लिए सिटिजन चार्टर और अच्छा प्रशासन देना पार्टी की अन्य प्राथमिकताओं में शामिल होगा।

उन्होंने पार्टी के चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु घटाने के प्रस्ताव पर कहा, ‘यदि एक व्यक्ति 21 वर्ष की आयु में विवाह कर सकता है तो वह अपने संसदीय क्षेत्र की देखभाल भी कर सकता है। यह कदम युवकों का राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुधार सकता है।’

केजरीवाल ने ‘वापस बुलाने का अधिकार’ और ‘खारिज करने के अधिकार’ पेश करने पर पार्टी का रुख दोहराया और राजनीतिक पार्टियों को आरटीआई कानून के दायरे में लाने का प्रस्ताव किया। पार्टी ने कहा कि वह ‘उद्योग हितैषी’ है क्योंकि देश के समग्र विकास के लिए धन-संपत्ति का सृजन जरूरी है लेकिन यह भी कहा कि यह ‘साठगांठ वाले पूंजीवाद’ के खिलाफ है।

घोषणा पत्र में क्या लिखा है कश्मीर के बारे में, अगले पन्ने पर...


पार्टी ने कश्मीर पर कहा कि ‘यह भारत का अभिन्न अंग है और सीमापार से आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।’ ‘सुरक्षा बलों के अल्पकालीन इस्तेमाल के अलावा 'आप' सत्ता के विकेंद्रीकरण और सत्ता के हस्तांतरण के दीर्घकालीन रुख में विश्वास करती है जो कि कश्मीर के लोगों को स्वयं के विकास के लिए निर्णय करने में सक्षम बनाएगा।’

न्यायिक जवाबदेही पर जोर देते हुए 'आप' ने अगले पांच साल में देश भर में न्यायाधीशों की संख्या दोगुनी करने का भी वादा किया। 'आप' ने इसके साथ ही अगले पांच वर्ष में ‘न्यायपालिका के सभी स्तरों में’ त्वरित सुनवाई अदालतें गठित करने का भी प्रस्ताव किया।

आप नेता केजरीवाल ने पुलिस सुधारों पर विभिन्न कदमों का वादा करते हुए कहा, ‘हम पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाएंगे। पूछताछ कक्षों में भी सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए। हमने पुलिस में जांच के लिए और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अलग अलग शाखा बनाने का भी प्रस्ताव किया है। पुलिस की अंदरुनी जवाबदेही निश्चित तौर पर तय की जानी चाहिए।’

केजरीवाल ने कहा, ‘न्यायिक जवाबदेही भी होनी चाहिए। हमारी न्याय प्रणाली तेज, प्रभावी और ईमानदार होनी चाहिए। शीघ्र न्याय सुनिश्चित करने के लिए हम पांच साल में न्यायाधीशों की संख्या दोगुनी करेंगे।’ केजरीवाल ने ऐलान किया कि छात्रों एवं शिक्षकों के एक तबके की मांग के मुताबिक दिल्ली यूनिवर्सिटी में चार साल के स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) को खत्म किया जाएगा।

विदेश नीति पर आप के घोषणापत्र में कहा गया है कि पार्टी सभी देशों से मैत्रीपूर्ण संबंध चाहती है पर सीमापार आतंकवाद के लिए ‘तनिक भी बर्दाश्त न करने’ की नीति अपनाई जाएगी।

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केजरीवाल ने कहा, ‘हम अपने पड़ोस के देशों के साथ राजनीतिक शत्रुता को कम करने की दिशा में काम करेंगे पर सीमा पार आतंकवाद के लिए तनिक भी बर्दाश्त न करने की नीति अपनाई जाएगी।’

उन्होंने कहा कि सीमाई इलाकों को उच्च आर्थिक संपर्क क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जाना चाहिए ताकि दोनों पक्षों में शांति बढ़ाई जा सके।

केजरीवाल ने कहा, ‘चीन द्वारा की जाने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए हम रक्षा क्षमता बढ़ाएंगे पर उसके साथ संतुलित व्यापार बढ़ाने की भी कोशिश करेंगे।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका और अन्य महत्वपूर्ण गुटों के साथ अर्थपूर्ण वार्ता महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी व्यापार-हितैषी और उद्योग-हितैषी है। ‘हमारा मानना है कि जब तक उद्योग फले-फूलेंगे नहीं, हम नौकरियां पैदा करने में कामयाब नहीं होंगे।’ 'आप' नेता ने कहा कि स्वराज विधेयक पार्टी का मूल पहलू बना हुआ है और पार्टी का इरादा इसे लागू करना है। (भाषा)

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