अदिति मुखर्जी : नॉर्मन बोरलाग पुरस्कार पाने वाली पहली भारतीय

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भारतीय अपने कार्यों से भारत ही नहीं, दुनिया सम्मान हासिल कर रहे हैं। ऐसी एक शख्सियत हैं अदिति मुखर्जी। अदिति फील्ड रिसर्च और एप्लीकेशन के लिए नॉर्मन बोरलाग पुरस्कार पाने वाली भारत की पहली शख्सियत बन गई हैं।

अदिति को वर्ल्ड फूड प्राइज फाउंडेशन की ओर से यह पुरस्कार दिया गया है। अदिति को 17 अक्टूबर को आयोवा में सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार के तहत 10 हजार डॉलर (करीब साढ़े पांच लाख रुपए) की राशि दी जाती है।

नई दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय जल प्रबंधन संस्थान की शोधकर्ता अदिति को भू-जल पर किए गए शोध के लिए पुरस्कृत किया गया है। उनके शोध के आधार पर पश्चिम बंगाल में नीतियां तक बदली गईं और किसानों को लाभ पहुंचा।

पुरस्कार पर अदिति का कहना है कि इससे मेरे वर्षों के काम को नई पहचान मिली है। राज्य में दूसरी हरित क्रांति की राह प्रशस्त हो रही है। अनुसंधान के बाद दिए गए सुझाव नीति-निर्माताओं को प्रासंगिक लगे और उन्होंने सही फैसले किए।

अदिति का कहना है कि भू-जल दोहन के लिए बिजली की उचित कीमत निर्धारित करने जैसी नीतियां काम कर रही हैं। बिहार और असम भी इस मामले में पश्चिम बंगाल का अनुकरण कर सकते हैं और यह इलाका भारत का नया अन्ना भंडार हो सकता है।

अदिति की इस उपलब्धि पर मिला पुरस्कार : अमेरिका स्थित वर्ल्ड फूड प्राइज फाउंडेशन की ओर से जारी बयान के मुताबिक अदिति ने भू-जल का इस्तेमाल करने वाले चार हजार से ज्यादा लोगों का सर्वे किया।

उन्होंने पाया कि देश के पूर्वी हिस्से में कुछ ऐसी नीतियां हैं, जो छोटे किसानों को भू-जल का इस्तेमाल करने से रोकती हैं। अदिति ने इन किसानों की आवाज प्रशासन तक पहुंचाने के लिए उनके साथ काम किया।

क्या है नॉर्मन बोरलाग पुरस्कार : हर साल दिए जाने वाला नॉर्मन बोरलाग पुरस्कार के तहत 40 वर्ष से कम उम्र के उन शोधकर्ताओं को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता कृषि विज्ञानी नॉर्मन बोरलॉग का अनुकरण करते हुए उनके काम को आगे बढ़ाया हो। (एजेंसियां)

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