टेंशन को कहें बाय, इन 5 बातों को अपनाएं

अशोक गुप्त 
 
विशेषज्ञों के अनुसार डॉक्टर्स के पास जाने वाले 90 प्रतिशत मरीज तनाव के कारण आते हैं। जब हमारे शरीर या मन को किसी चुनौती का सामना करना पड़ता है तो हमारी मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया तेज हो जाती है, ब्लडप्रेशर और ह्रदय की धड़कन बढ़ जाती है और शरीर में रक्तसंचार तेज होता है। 
 
शरीर में एड्रनलीन की मात्रा बढ़ जाती है। यह स्थिति अधिक देर बनी रहे तो कई शारीरिक व मानसिक समस्या पैदा हो जाती हैं। 
 
आहार : कुछ भोजन ऐसे हैं, जो हमारे शरीर को तनाव से लड़ने की शक्ति देते हैं। संतरे, दूध व सूखे मेवे में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, जो हमारे दिमाग को शक्ति प्रदान करती है। आलू में विटामिन 'बी' समूह के विटामिन काफी मात्रा में होते हैं, जो हमें चिंता और खराब मूड का मुकाबला करने में सहायता देते हैं। 
 
चावल, फिश, बिन्स, और अनाज में विटामिन 'बी' होता है, जो दिमागी बीमारियों और डिप्रेशन को दूर रखने में सहायक है। हरी पत्ते वाली सब्जियां, गेहूं, सोयाबीन, मूं गफली, आम और केले में मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है, जो हमारे शरीर को तनाव से लड़ने में सहायता देती है। 
 
थोड़ा-थोड़ा खाएं : एक्सपर्ट्स के अनुसार तनाव की स्थिति में थोड़ा-थोड़ा करके कई बार खाना तनाव को दूर भगाने में सहायक हो सकता है। इससे उन लोगों को भी सहायता मिल सकती है, जो तनाव की स्थिति में अतिरिक्त खाने के आदी हैं। थोड़ा-थोड़ा खाने से शरीर को शक्ति मिलती रहती है। 
 
मन में मत रखिए : आप किसी भी कारण से तनावग्रस्त हों, अपनी समस्या अपने पार्टनर,प्रेमी, या किसी करीबी मित्र से खुलकर चर्चा करें। इस चर्चा से ही आपका आधा तनाव दूर हो जाता है। शेष समस्या खाने, हल्की एक्सरसाइज और खुलकर सोने से दूर की जा सकती है। 
 
कुछ देर अपने साथ रहें : जिनके जीवन में अधिक तनाव रहता हो, उन्हें दिन में कुछ समय अकेले बिताने का प्रयास करना चाहिए। कुछ लोग अकेले सैर करना पसंद करते हैं। कुछ लोगों को अकेले पुस्तक पढ़ने से शांति मिलती है। कई बार अंधेरे कमरे में लेटना ही मन को शांत रखने के लिए काफी होता है, किंतु बहुत ज्यादा अकेले रहना भी ठीक नहीं, विशेषतः उन लोगों के लिए जो जल्दी हताश हो जाते हैं। पर्सनल क्वॉलिटी टाइम निकालें। 
 
मेडिटेशन : कुर्सी पर आरामदेह मुद्रा में बैठ जाइए। आंखें बंद कीजिए और अपनी मांसपेशियों को ढीला छोड़ दीजिए। धीमी गति से सांस लेते रहें। मन ही मन कोई भी एक शब्द या मंत्र बार-बार दोहराते रहें। यदि आपका मन भटक जाए तो वापस उसी शब्द या मंत्र पर आ जाएं। इसे दस से बीस मिनट तक करें। 

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