चीन क्‍यों करवा रहा दलाई लामा की जासूसी?

रविवार, 16 अगस्त 2020 (15:58 IST)
दलाई लामा की जानकारी हासिल करने के लिए चीन जासूसी और घूसखोरी का सहारा ले रहा है। इनकम टैक्स विभाग  ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि हवाला कारोबार से जुड़ा चार्ली लुओ सांग दिल्ली में कुछ लामाओं को रिश्वत देकर, दलाई लामा और उनके करीबी सहयोगियों की जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा था।

आईटी विभाग के मुताबिक दिल्ली में मजनू का टीला के पास पैकेट में करीब 2 से 3 लाख रुपए व्यक्तियों को दिए गए थे। आईटी विभाग के मुताबिक चीनी ऐप वीचैट पर रिश्वत देने और जासूसी को लेकर बातचीत की गई थी। चार्ली के साथ काम करने वाले दफ्तर के लड़कों का इस्तेमाल रुपए से भरे पैकेट्स को छोड़ने के लिए किया जाता था।

इनकम टैक्स विभाग ने दलाई लामा की जासूसी में चीनी एजेंसियों की संलिप्तता को लेकर जानकारी अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ भी साझा की है, जिससे कि मामले से जुड़े अन्य पहलुओं पर ध्यान दिया जा सके। चार्ली लुओ सांग ने की इस चीनी नागरिक को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 13 सितंबर 2018 को दिल्ली के मजनू का टीला इलाके से गिरफ्तार किया था। तब इसके ऊपर फर्जी पासपोर्ट के आधार पर दिल्ली में रहने का आरोप था। उसके कुछ समय बाद ही चार्ली जमानत पर बाहर आ गया था।

विभाग ने इस मामले में दिल्ली के चार्टेड एकाउंटेंट को भी शिकंजे में लिया, जो हवाला ट्रांजेक्शन करने में चार्ली का मददगार था। संदिग्ध सीए करीब 40 बैंक खातों का संचालन करता था। जिनके जरिए चीनी कंपनियों से ट्रांजेक्शन किया जाता था। हवाला कारोबार के तार हॉंग कॉंग से भी जुड़े होने का खुलासा हुआ है। इस पूरे हवाला लेन-देन की तैयारी भी वीचैट पर हुई। आयकर विभाग ने इन खातों के जरिए करोड़ों का खेल हुआ था, वहीं हवाला की रकम को लेकर आईटी विभाग की पड़ताल जारी है, क्योंकि कुछ अन्य बैंक के कर्मचारी भी उनके रेडार पर हैं।

आयकर विभाग ने ये भी खुलासा किया है कि काली कमाई के इस गोरखधंधे में बीजिंग की बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं। जो साजिश को अंजाम देने के लिए अपने ही देश की छोटी चीनी कंपनियों को फर्जी खरीद पत्र जारी करती थीं। और उसके बाद बोगस बिल के जरिए, तैयार हुई रकम का इस्तेमाल दलाई लामा जैसे धर्म गुरुओं की जानकारी जुटाने में किया गया।

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