Hagia Sophia: हाग‍िया सोफ‍िया को मस्‍ज‍िद बनाने के फैसले से गुस्‍से में ओरहान पामुक-कहा, ‘तुर्की से छीन रहे सेक्‍यूलर‍िज्‍म का गौरव’

तुर्की में स्‍थि‍त लोकप्र‍िय इमारत हाग‍िया सोफ‍िया सभी धर्म और आस्‍था के लोगों के लिए सेक्‍यूलर‍िज्‍म का प्रतीक है। तुर्की की यह इमारत पूरी दुन‍िया को यह संदेश देती है कि यह देश धर्मन‍िरपेक्ष है लेकिन अब इसे मस्‍ज‍िद में तब्‍दील किया जा रहा है अब तुर्की को दुन‍िया किस रूप में देखेगी।

हाग‍िया सोफ‍िया म्यूज़ियम को फ‍िर से मस्‍ज‍िद में तब्‍दील नहीं किया जाना चाहिए। तर्की सरकार के इस इस निर्णय से मैं गुस्‍से में हूं।

तर्कि‍श राष्‍ट्र पूरी दुन‍िया में एकमात्र मुस्‍लिम सेक्‍यूलर देश है। यह गौरव करने वाली बात है और हागि‍या सोफ‍िया म्यूज़ियम इस गौरव का प्रतीक है। लेकिन इस गौरव को अब छीना जा रहा है

तुर्की के पहले नोबल पुरस्‍कार से सम्‍मानित लेखक ओरहान पामुक ने हाल ही में यह बयान द‍िया है।

दरअसल हाल ही में तुर्की के सुप्रीम कोर्ट ने इस्तांबुल के प्रसिद्ध हागिया सोफिया म्यूजियम को मस्जिद में तब्‍दील करने का फैसला सुनाया है।

पूरी दुनि‍या में तुर्की को अब तक धर्मनि‍रपेक्ष महत्‍व के साथ देखा जाता रहा है। लेकिन इस फैसले के बाद यहां के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दुआन का इस्‍लामि‍क कट्टरता वाला रुख भी स्‍पष्‍ट हो गया है। अर्दुआन के इस कदम से अब यह साफ हो गया है कि देश फ‍िर से कट्टर इस्लाम की ओर बढ़ सकता है।

लेखक पामुक ने आगे कहा कि कभी दुन‍िया को कहा गया था, हम सेक्‍यूलर हैं, हम दूसरे मुस्‍ल‍िमों से अगल हैं। हम यूरोप‍ियन की तरह हैं और हम आधुन‍िक हैं

ख्‍यात पत्रकार ओरला गुर‍िन ने ट्वीटर पर ल‍िखा,
हाग‍ि‍या सोफि‍या को मस्‍ज‍िद में बदलने का अर्थ है दुन‍िया को यह कहना कि अब हम सेक्‍यूलर नहीं हैं

यूएस सीनेटर बॉब मेंडेज ने कहा,
मैं हागिया सोफिया को मस्जिद में बदलने के तुर्की के फैसले का व‍िरोध करता हूं। यह स्‍थान सभी धर्मों और आस्‍था के लोगों के व‍िजिट करने के लिए है

हालांकि एक पोल में तुर्की में युनेस्‍को द्वारा वर्ल्‍ड हैर‍िटेज में शाम‍लि किए जा चुके हाग‍िया सोफि‍या म्‍यूज‍ियम को मस्‍जिद में बदलने के लि‍ए सहमत‍ि मि‍ली है। लेकिन इससे लेखक पामुक की तरह ही सेक्‍यूलर सोच रखने वाले देश के और भी कई लोगों की आस्‍था को ठेस पहुंची है।

पामुक ने कहा है, यह एक बहुत बड़ी गलती होगी

उन्‍होंने कहा, सेक्‍यूलर‍िज्‍म हर एक तुर्कवासी के लिए एक गौरव की बात है स‍िर्फ उन 10 प्रत‍िशत लोगों को छोड़कर जो बेहद धार्म‍िक हैं यहां तक कि रुल‍िंग सरकार के पक्षधर और उनके वोटर्स भी इस बात पर गौरव महसूस करते हैं

अर्दुआन ने अपने भाषण में कहा था कि यह तुर्की का अधि‍कार है कि वो यह तय करे कि हाग‍िया सोफ‍िया म्‍यूज‍ियम का इस्‍तेमाल किस रूप और उदेश्‍य के साथ करे। हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा था कि हाग‍िया सोफ‍िया के दरवाजे हर मुस्‍ल‍िम और नॉन-मुस्‍ल‍िम के लिए हमेशा खुले रहेंगे।

दरअसल हागि‍या सोफि‍या रोमन साम्राज्‍य के दौरान साल 360 में बनाया गया था। इसके बाद आग लगने की एक घटना के बाद इसे दोबारा उसी रूप में बनाया गया था जो स्‍वरुप अभी इसका है।

इस लोकप्र‍िय इमारत का निर्माण एक चर्च के रूप में हुआ था। 1453 में जब इस शहर पर इस्लामी ऑटोमन साम्राज्य ने कब्जा किया तो इमारत में तोड़फोड़ कर इसे मस्जिद में तब्दील कर दिया गया। इसके बाद अतातुर्क ने 1934 में मस्जिद को म्यूजियम में बदल दिया, क्योंकि वह धर्म की जगह पश्चिमी मूल्यों से प्रेरणा चाहते थे। तुर्की के इस्लामी और राष्ट्रवादी समूह लंबे समय से हागिया सोफिया म्‍यूज‍ियम को मस्जिद में बदलने की मांग कर रहे थे।

अहम बात यह है कि पहले चर्च होने की वजह से हागिया को मुस्लिम और ईसाई धर्म का संगम माना जाता रहा है। यह दुनिया में एक मिसाल के तौर पर कायम रही है। अर्दुआन के इस कदम को सीधे-सीधे ईसाई समाज की नाकदरी के तौर पर देखा जा रहा है।

पड़ोसी देश ग्रीस के साथ पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों के बीच इस फैसले ने आग में घी का काम किया है। ग्रीस के लिए हागिया का बड़ा महत्व रहा है। ग्रीस के प्रधानमंत्री Kyriakos Mitsotakis ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि तुर्की के इस कदम का असर यूरोपियन यूनियन, युनेस्को और विश्व से संबंध पर पड़ेगा। हालांकि, अर्दुआन का यह फैसला अतातुर्क की छाया से बाहर निकलने का एक तरीका है।

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