'फोर्ब्स वर्ल्ड बेस्ट एम्प्लॉयर- 2020' में एनटीपीसी प्रथम स्थान पर

शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2020 (17:53 IST)
सोनभद्र। फोर्ब्स द्वारा प्रकाशित 'फोर्ब्स वर्ल्ड बेस्ट एम्प्लॉयर- 2020' में सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय उपक्रमों में देश की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी नेशनल थर्मल पावर निगम (एनटीपीसी) का नाम प्रथम स्थान पर दर्ज किया गया है।

यह उपलब्धि एनटीपीसी की उस प्रतिबद्धता को साबित करती है, जिसके तहत कंपनी अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ रूप से विकसित प्रथाओं को अपनाती है और उन्हें बेहतर तरीके से डिजाइन करते हुए मजबूती के साथ लागू करती है।

एनटीपीसी (शक्तिनगर) के जनसंपर्क अधिकारी आदेश पाण्डेय ने शुक्रवार को यहां बताया कि लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद अनलॉक अवधि में एनटीपीसी ने लर्निंग और डेवलपमेंट की अपनी रणनीति के माध्यम से वर्तमान परिदृश्य की आवश्यकता के अनुसार आगे बढ़ने के लिए खुद को परिवर्तित किया।

इसकी प्रशिक्षण पद्धति ने अपने हजारों कर्मचारियों के जीवन को गहन डिजिटलीकरण और ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से और समृद्ध किया और उन्हें दूरस्थ स्थानों से भी सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाया।

उन्होंने बताया कि मॉड्यूल ने एनटीपीसी के हजारों कर्मचारियों को पेशेवर क्षेत्र से आगे सोचने और इस दिशा में आगे बढ़ने में मदद की है। हायरिंग, एंगेजमेंट, डाइवर्सिटी और इनक्लूजन, रिवाड्र्स और रिकॉग्निशन और परफॉर्मेंस मैनेजमेंट के डोमेन में एनटीपीसी ने लोगों से संबंधित प्रथाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है।

पाण्डेय ने बताया कि हाल के दिनों में एनटीपीसी ने आधिकारिक कार्यों से परे सफलता की कहानियों पर ‘एनटीपीसी सीरीज‘ शुरू की है। यह एक ऐसी सीरीज है, जिसमें कर्मचारियों के आधिकारिक असाइनमेंट से अलग ‘महत्वाकांक्षा, विकास, सफलता से परे काम‘ पर आधारित उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है।

कई देशों और क्षेत्रों में संचालन के साथ अपने कारोबारों के लिए काम कर रहे 58 देशों के लगभग 160,000 पूर्णकालिक और अंशकालिक श्रमिकों ने इस सर्वेक्षण में हिस्सा लिया और इन प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक दूसरों की तुलना में अपने नियोक्ताओं का मूल्यांकन किया।

कोविड-19 से संबंधित घटनाओं पर जताई जाने वाली प्रतिक्रियाओं के आधार पर भी नियोक्ताओं का मूल्यांकन किया गया। साथ ही उनकी छवि, आर्थिक पदचिह्न, प्रतिभा विकास, लैंगिक समानता और सामाजिक जिम्मेदारी के आधार पर भी आंका गया। उन्होंने बताया कि अंतिम सूची में 45 देशों में मुख्यालय वाले 750 बहुराष्ट्रीय और बड़े निगम शामिल थे।(वार्ता)

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