भारत में लगातार 11वें महीने हवाई यात्रियों की संख्या 1 करोड़ के पार

सोमवार, 24 सितम्बर 2018 (19:04 IST)
नई दिल्ली। विमान सेवा कंपनियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा और नए शहरों के विमानन मानचित्र पर आने से अगस्त में लगातार 11वें महीने देश में हवाई यात्रियों की संख्या 1 करोड़ के पार रही।
 
 
नागर विमानन महानिदेशालय के सोमवार को यहां जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त 2017 की तुलना में हवाई यात्रियों की संख्या 17.17 प्रतिशत बढ़कर अगस्त 2018 में 1 करोड़ 13 लाख 54 हजार पर पहुंच गई। पिछले साल अगस्त में घरेलू मार्गों पर हवाई यात्रियों की संख्या 96 लाख 90 हजार रही थी।
 
सितंबर 2014 से लगातार 48वें महीने देश में हवाई यात्रियों की संख्या की वृद्धि दर दहाई अंक में रही है। इस साल जनवरी से अगस्त के बीच घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 21.20 प्रतिशत बढ़कर 9 करोड़ 13 लाख 95 हजार पर पहुंच गया। पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 7 करोड़ 54 लाख 11 हजार रही थी।
 
सरकार की छोटे तथा मझौले शहरों को हवाई नेटवर्क में शामिल करने के लिए शुरू की गई क्षेत्रीय संपर्क योजना 'उड़ान' का असर दिख रहा है। ये वे शहर हैं, जो अब तक नियमित विमान सेवा से अछूते थे। इन शहरों से नए ग्राहक विमानन बाजार में जुड़ रहे हैं।
 
आंकड़ों के अनुसार यात्रियों की संख्या के मामले में घरेलू बाजार अगस्त में भी विमान सेवा कंपनी इंडिगो का दबदबा कायम रहा। उसकी बाजार हिस्सेदारी 41.9 प्रतिशत रही तथा कुल 47 लाख 57 हजार यात्रियों ने उसकी उड़ानों में सफर किया।

जेट एयरवेज 13.8 प्रतिशत के साथ दूसरे और सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया 12.7 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रही। इसके बाद किफायती विमान सेवा कंपनी स्पाइस जेट की हिस्सेदारी 12.4 प्रतिशत, गो एयर की 8.9 प्रतिशत, एयर एशिया की 4.7 प्रतिशत और विस्तारा की 3.7 प्रतिशत रही।
 
भरी सीटों के साथ उड़ान भरने (पीएलएफ) के मामले में स्पाइस जेट का प्रदर्शन एक बार फिर सबसे अच्छा रहा। उसकी उड़ानों में औसतन 93.6 प्रतिशत सीटें भरी रहीं। इस मामले में गो एयर 84.6 प्रतिशत के साथ दूसरे, इंडिगो 82.8 प्रतिशत के साथ तीसरे और एयर इंडिया 82.3 प्रतिशत के साथ चौथे स्थान पर रही। इनके बाद क्रमश: जेट एयरवेज (82 प्रतिशत), विस्तारा (81.5 प्रतिशत), जेट लाइट (79.2 प्रतिशत), एयर एशिया (76.2 प्रतिशत) और ट्रूजेट (75.7 प्रतिशत) का स्थान रहा।
 
क्षेत्रीय संपर्क योजना 'उड़ान' के पहले चरण में अधिकतर मार्गों का आवंटन हासिल करने वाली एयर डेक्कन और एयर ओडिशा यात्रियों को आकर्षित करने में सफल नहीं हो पा रही हैं। अगस्त में एयर डेक्कन की मात्र 52.3 प्रतिशत और एयर ओडिशा की 24.9 प्रतिशत सीटें ही भर सकीं।

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