रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस और एचडीएफसी बैंक भारत की सबसे मूल्यवान कंपनियां

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 13 फ़रवरी 2024 (18:39 IST)
देश की 500 प्रमुख कंपनियों का संचयी मूल्य 2.8 लाख करोड़ डॉलर (231 लाख रुपए) है जो सऊदी अरब, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर के संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद (GDP) से अधिक है और देश की तीन सबसे मूल्यवान कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस और एचडीएफसी बैंक शामिल है।
 
एक्सिस बैंक के बरगंडी प्राइवेट और हुरुन इंडिया ने आज ‘भारत में 500 सबसे मूल्यवान निजी कंपनियों’ की सूची का तीसरा संस्करण जारी जिसमें यह दावा किया गया है। 2023 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 के लिए अर्हता प्राप्त करने की सीमा 6,700 करोड़ रुपये है, जो पिछले साल के स्तर 5,947 करोड़ रुपये से 13 प्रतिशत अधिक है।
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिग 3 में 15.6 लाख करोड़ रुपये के मूल्य के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी है। इसके बाद 12.4 लाख करोड़ रुपये के साथ टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और 11.3 लाख करोड़ रुपये के साथ एचडीएफसी बैंक का स्थान है।
 
इस सूची में लगातार तीसरे साल रिलायंस इंडस्ट्रीज शीर्ष स्थान पर बनी हुई है। 15,64,663 करोड़ रुपये के मूल्य के साथ, रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्य टीसीएस से कम से कम 3 लाख करोड़ रुपये अधिक है। 
 
2023 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 में नंबर 2 पर है। एचडीएफसी लिमिटेड के एचडीएफसी बैंक के साथ विलय से एचडीएफसी बैंक 10 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण को पार करने वाली तीसरी भारतीय कंपनी बन गई। 
 
एचसीएल टेक्नोलॉजीज और कोटक महिंद्रा बैंक ने बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 के 2023 संस्करण में शीर्ष 10 की सूची में वापसी की है। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग होने के बाद 28 की प्रभावशाली रैंक हासिल की है।
 
2023 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 कंपनियां 70 लाख लोगों को रोजगार देती हैं, जिसमें प्रति संगठन औसतन 15,211 कर्मचारी हैं। इसमें कहा गया है कि 2023 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 सूची में शामिल 437 कंपनियों के बोर्ड में महिलाओं का प्रतिनिधित्व है जबकि 179 कंपनियों का नेतृत्व पेशेवर सीईओ करते हैं। इन 500 कंपनियों ने बिक्री में 13 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की, 952 अरब का संयुक्त बिक्री दर्ज की।
 
पिछले वर्ष की 310 कंपनियों की तुलना में 342 कंपनियों के मूल्य में वृद्धि देखी गई। इनमें से 18 कंपनियों का मूल्य पिछले एक साल के दौरान दोगुना हो गया। 3 कंपनियों के मूल्यांकन में 1 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज हुई। 
 
प्रमुख कंपनियां एचडीएफसी बैंक, लार्सन एंड टुब्रो और आईटीसी रहीं। सूची की आधी से अधिक कंपनियों ने पिछले वर्ष की तुलना में 1000 करोड़ रुपये से अधिक की मूल्य वृद्धि दर्ज की, जिसमें से 75 कंपनियों ने 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की मूल्य वृद्धि दर्ज की।
 
इस सूची में प्रवेश करने वाली नई कंपनियों का संचयी मूल्य 7.5 लाख करोड़ रुपये है। इस सूची में भारत के 44 शहरों की कंपनियां शामिल हैं, जिनमें से सबसे अधिक कंपनियां मुंबई (156), बेंगलुरु (59) और दिल्ली (39) की हैं। शीर्ष तीन शहरों की 254 कंपनियां हैं जबकि 2022 में यहां से 264 कंपनियां थी।
 
स्टार्टअप फंडिंग और मूल्यांकन में गिरावट जारी रही। सूची में बायजूज़, डीलशेयर और फार्मेसी के नेतृत्व में स्टार्टअप को संचयी रूप से 4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ; जो इस साल सूची में जगह बनाने में असफल रही। भारतीय स्टार्टअप के लिए सब कुछ निराशाजनक नहीं था। 2023 में, भारतीय एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध 6 यूनिकॉर्न का संचयी मूल्य 62,837 करोड़ रुपये बढ़ गया, जो 2022 में 1,66,013 करोड़ रुपये के मूल्यांकन नुकसान की तुलना में उल्लेखनीय बढ़ोतरी है।
 
अदाणी समूह की आठ कंपनियों का कुल मूल्य 9.9 लाख करोड़ रुपये है और यह 500 शीर्ष कंपनियों के कुल मूल्य का 4.3 प्रतिशत है। समीक्षाधीन अवधि के दौरान अदाणी ग्रुप की कंपनियों की मूल्य 50 प्रतिशत या 9,92,953 करोड़ रुपये घट गई। हालांकि, अदाणी हिंडनबर्ग मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले (अडानी समूह के पक्ष में) के बाद से (जो समीक्षा अवधि से बाहर रहा) अदाणी समूह ने 17 जनवरी 2024 को 4,72,636 करोड़ का मूल्य वापस पा लिया।

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