भारतीय क्रिकेट के कामयाब कप्तान

भारत ा सफलतम कप्तान कौन है? यह बहस अक्सर की जाती है कि भारतीय क्रिकेट इतिहास में सफलतम कप्तान कौन रहा है। इस बहस का कोई नतीजा नहीं निकल सकता। इसकी वजह यह है कि जिन लोगों को भी भारत के महान कप्तान की श्रेणी में रखा जाता है, उन्होंने उस परिस्थिति में अपनी टीम का बेहतरीन नेतृत्व किया।

किसी कप्तान ने कमजोर टीम के साथ दिग्गज टीमों को आंखें दिखाई तो किसी ने बेहतरीन खिलाड़ियों से सजी टीम के साथ देश विदेश में सफलता हासिल की।

भारत के सफल कप्तानों पर एक नजर-


अजीत वाडेकर- अजीत वाडेकर का रिकॉर्ड एक बल्लेबाज के तौर पर सामन्य ही रहा, लेकिन उन्हें एक चालाक कप्तान माना जाता था। हालांकि उन्होंने कम समय के लिए ही कप्तानी की, लेकिन उन्होंने 1971 में इंग्लैंड की बेहद मजबूत टीम को उसके घरेलू मैदान में पटखनी दी। इसके एक साल बाद वाडेकर की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड को घरेलू सिरीज में 2-1 से पटखनी देकर एक और उपब्धि हासिल की।

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वाडेकर ने 16 टेस्ट में भारत की कप्तानी की, जिसमें उन्होंने 4 मैचों में जीत हासिल की और इतने ही मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा।

सुनील गावस्क


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एक महान सलामी बल्लेबाज के रूप में सुनील गावस्कर को पूरी दुनिया मानती है। 1975 में पटौदी के बाद गावस्कर टीम के कप्तान बने। गावस्कर ने 47 टेस्ट में भारत की कप्तानी की, जिसमें उन्होंने 9 मैचों में जीत का स्वाद चखा। 8 टेस्ट गावस्कर बतौर कप्तान हार गए, लेकिन टेस्ट क्रिकेट के मामले में वे उनके समय के सफलतम कप्तान रहे। हालांकि समीक्षक इन्हें जोखिम न लेने वाला कप्तान मानते हैं।

कपिल दे


जब बात भारत के सफल कप्तानों की बात होती है तो कपिल देव का जिक्र जरूर होता है। कपिल देव ने अपनी कप्तानी में भारत को 1983 का विश्व चैंपियन बनवाया। कपिल ने क्लाइव लॉयड की कप्तानी वाली वेस्टइंडीज की बेहद मजबूत टीम को हराकर भारत को विश्व कप खिताब दिलवाया।

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कपिल आंकड़ों में इतने प्रभावी कप्तान नहीं रहे, लेकिन उनकी रणनीतियों को प्रशंसा मिली। कपिल ने खुद के प्रदर्शन से अपने खिलाड़ियों को प्रेरित किया। कपिल ने 34 टेस्ट में भारत की कप्तानी, जिसमें 4 भारत ने जीते और 7 हारे।

सौरव गांगुल


भारत के सबसे आक्रामक कप्तान माने जाने वाले सौरव गांगुली ने खिलाड़ियों में जीत की भूख पैदा की। 2003 का ऑस्ट्रेलियाई दौरा 2004 का पाकिस्तान दौरे पर भारतीय टीम में इस कप्तान ने अनोखी ऊर्जा भर दी। गांगुली की कप्तानी में भारत ने 2003 के विश्व कप का फाइनल भी खेला।

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मैदान के अंदर सफलता के अलावा मैदान के बाहर गांगुली का आक्रमक रवैया काफी चर्चित रहा। चाहे स्टीव वॉ को टॉस के लिए इंतजार कराने की बात हो या फिर इंग्लैंड में नेटवेस्ट सिरीज में जीत के बाद कमीज लहराने वाली घटना, गांगुली देसी विदेशी मीडिया में छाए रहे।

गांगुली ने 49 टेस्ट में भारत की कप्तानी की, जिसमें से 21 में उन्हों जीत मिली, जबकि 13 में हार का सामना करना पड़ा।

महेंद्र सिंह धोन


एक कप्तान के रूप में महेंद्र सिंह धोनी को कम समय में जितनी सफलता मिली, उतनी किसी कप्तान को नहीं मिली। 2007 में धोनी ने टी-20 विश्व कप से भारतीय टीम की कमान संभाली और केवल चार सालों में टी-20 विश्व कप, ऑस्ट्रेलिया में वीबी सिरीज, न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज में टेस्ट सिरीज, विश्व कप जैसे खिताब जिताकर खुद को श्रेष्ठ कप्तानों की फेहरिस्त में शामिल करवा लिया।

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वर्तमान इंग्लैंड दौरे से पहले धोनी अब तक एक भी टेस्ट सिरीज नहीं हारे थे। अब तक धोनी ने 30 टेस्ट मैचों मे भारतीय टीम की कमान संभाली है और उन्हें 15 टेस्ट में जीत मिली है। धोनी ने केवल 7 टेस्ट गंवाए हैं। वैसे इंग्लैंड दौरे पर मिली करारी शिकस्त के बाद धोनी का रिकॉर्ड बतौर कप्तान प्रभावित हुआ है।

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