शर्माने वाला तोता कभी देखा है क्या?

सोमवार, 27 अगस्त 2018 (11:34 IST)
क्या आपने कभी रंगीन तोतों के लजाने की बात सुनी है। वह कुछ ऐसे ही शर्माता है जैसे कि मानव भावुक पलों में शर्मा जाता है।
 
 
रिसर्चरों को यह तो नहीं पता कि यह शर्म कहां से और कैसे आती है लेकिन फ्रांसीसी रिसर्चरों की एक टीम का कहना है कि उन्होंने पीले और नीले रंग के पांच तोतों के समूह में इस बात को कई बार देखा है। उन्होंने अपनी खोज की रिपोर्ट साइंस जर्नल प्लोस वन को दी है। नीले पीले तोते के गाल का एक हिस्सा ऐसा है जो पंखों से ढंका नहीं होता। रिसर्चरों ने देखा कि पालने वालों के साथ मेलजोल या फिर चुहल के दौरान कई बार यह गोरी त्वचा लाल हो जाती है।
 
 
कृषि विज्ञान को समर्पित फ्रांस की एक पब्लिक रिसर्च इंस्टीट्यूट आईएनआरए की अलीन बैरतां बताती हैं, "चिड़ियों के चेहरे पर मांसपेशियां नहीं होती, उनके चेहरे की अभिव्यक्ति का कभी अध्ययन नहीं किया गया।" इन तोतों का ख्याल रखने वाले किस्से की तरह बताते हैं कि उन्होंने उन्हें शर्माते हुए देखा, उनके गाल इंसानों की तरह ही खून का प्रवाह बढ़ने के कारण लाल हो जाते हैं हालांकि अभी इसे दस्तावेज के रूप में दर्ज किया जाना बाकी है।
 
 
इसके लिए उन्होंने चिड़ियों की फिल्म बनाने और तस्वीर खींचने के साथ प्रयोग शुरू किया है। खास तौर से उनके पालकों के साथ मेलजोल के दौरान जैसे कि जब वो उनसे बात कर रहे हों या फिर उनकी तरफ देख रहे हों। वाकई इस दौरान उन्होंने चिड़ियों की त्वचा को लाल होते देखा। यह प्रयोग सीमित तौर पर केवल पांच पंछियों के साथ ही यह अध्ययन किया गया। तो ऐसे में वैज्ञानिक इस बात को पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि तोते शर्माते क्यों हैं।
 
 
बैरतां ने कहा, "हम नहीं कह सकते कि क्या ये पंछी सकारात्मक भावनाओं को समझते हैं या नहीं।" इस रिसर्च से और ज्यादा प्रयोगों के लिए रास्ता खुल सकता है जिनसे चिड़ियों की संवेदनाओं के बारे में बेहतर समझ हासिल हो सकती है। चिड़ियों की भावनात्मक जिंदगी अभी रहस्य है, हालांकि उनकी बुद्धिमता के बारे में बहुत कुछ जाना जा चुका है और उसकी तुलना कई स्तनधारियों से की जा सकती है। जैसे कि कई पंछी अपनी समस्याओं को हल करने के लिए औजारों का भी इस्तेमाल करते हैं। 
 
 
हालांकि जब भावनाओं की बात सामने आती है या फिर तनाव की तो वैज्ञानिकों का कहना है कि पंछी जोड़े बनाने के दौरान अपने पंख लहरा कर उसका इजहार करते हैं। यही काम वो संकट के समय भी करते हैं। बैरतां ने बताया, "आमतौर पर लोग चिड़ियों की भावनात्मक जिंदगी के बारे में नहीं सोचते लेकिन वह कपि, कुत्ते या फिर बिल्ली जैसी ही जटिल है।"
 
 
एनआर/एमजे (एएफपी)
 

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