भाजपा : राम, राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व ने दिलाई सत्ता

यूं तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना साल 1980 में हुई है, लेकिन इसके मूल में श्यामाप्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में निर्मित भारतीय जनसंघ ही है। इसके संस्थापक अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी रहे, जबकि मुस्लिम चेहरे के रूप में सिकंदर बख्त महासचिव बने।
 
1984 के चुनाव में ‍भाजपा की मात्र 2 सीटें थीं, लेकिन वर्तमान में सर्वाधिक राज्यों में भाजपा की खुद की या फिर उसके समर्थन से बनी हुई सरकारें हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा कांग्रेस के बाद देश की एकमात्र ऐसी पार्टी बनी जिसने चुनाव भले ही गठबंधन साथियों के साथ लड़ा, लेकिन 282 सीटें हासिल कर अपने बूते बहुमत हासिल किया। 
अयोध्या में राम मंदिर और हिन्दुत्व भाजपा के ऐसे मुद्दे रहे जिनके चलते वह 2 सीटों से 282 सीटों तक पहुंच गई। भाजपा को मजबूत करने में वाजेपयी और लालकृष्ण आडवाणी की अहम भूमिका रही है। आडवाणी की रथयात्रा ने भाजपा के जनाधार को और व्यापक बनाया। 
 
1996 में अटल बिहारी वाजपेयी भाजपा के पहले प्रधानमंत्री बने, लेकिन बहुमत न होने के कारण उनकी सरकार 13 दिन में ही गिर गई। 1998 में हुए चुनाव में एक बार फिर वाजपेयी प्रधानमंत्री बने, लेकिन जयललिता के कारण उनकी सरकार फिर गिर गई। 
 
1999 में वाजपेयी फिर प्रधानमंत्री बने और उन्होंने गठबंधन सरकार चलाई। हालांकि 2004 के लोकसभा चुनाव में वे सत्ता में वापसी नहीं कर सके। 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। 2018 में भाजपा के हाथ से मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे प्रमुख हिन्दी भाषी राज्य निकल गए। 

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