भय्यू महाराज ने अपनी ही लाइसेंसी रिवॉल्वर से खुदकुशी की थी : पुलिस

शुक्रवार, 15 जून 2018 (22:31 IST)
इंदौर। हाईप्रोफाइल आध्यात्मिक गुरु भय्यू महाराज ने यहां अपने बंगले में 12 जून को जिस कीमती रिवॉल्वर से गोली मारकर खुदकुशी की, उसका अखिल भारतीय लाइसेंस उनके ही नाम पर दर्ज था। पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है।
 
 
पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणचारी मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि भय्यू महाराज (50) की आत्महत्या में इस्तेमाल वेब्ले एंड स्कॉट रिवॉल्वर का पहला लाइसेंस वर्ष 2002 में महाराष्ट्र के वाशिम जिले से आध्यात्मिक गुरु के नाम पर बनाया गया था। वर्ष 2012 में उन्होंने आवेदन देकर महाराष्ट्र के ही बुलढाणा जिले से इसका अखिल भारतीय लाइसेंस अपने नाम पर बनवा लिया था।
 
उन्होंने बताया कि पहली नजर में लगता है कि इस रिवॉल्वर से चली गोली भय्यू महाराज की कनपटी को भेदते हुए आर-पार हो गई थी। पुलिस ने इस ​हथियार और मौके से बरामद गोलियों को बैलिस्टिक जांच के लिए अपराध विज्ञान प्रयोगशाला भेजा है। भय्यू महाराज के नजदीक रहे लोगों ने बताया कि अपने ट्रस्ट की अलग-अलग गतिविधियों के चलते आध्यात्मिक गुरु का महाराष्ट्र के दोनों जिलों में बराबर आना-जाना लगा रहता था। वहां उनके कुछ रिश्तेदार भी रहते हैं।
 
इस बीच पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच के संबंध में भय्यू महाराज की पहली पत्नी से जन्मी बेटी कूहू, उनकी दूसरी पत्नी आयुषी शर्मा, उनके खास सेवादार विनायक दुधाड़े, उनके ड्राइवर और उनके अन्य करीबी लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। इनमें से कुछ लोगों के बयानों में तसदीक हुई है कि भय्यू महाराज पिछले कुछ दिनों से तनाव में थे जिसे उनके चेहरे पर साफ पढ़ा जा सकता था।
 
अधिकारी ने बताया कि पुलिस की शुरुआती जांच में भय्यू महाराज की दूसरी शादी के बाद उनके परिवार में कलह की बात सामने आई है। लेकिन इस पहलू पर भी जांच की जा रही है कि कहीं कोई व्यक्ति उन पर किसी तरह का दबाव तो नहीं बना रहा था जिसके कारण उन्हें जान देने का कदम उठाना पड़ा?
 
भय्यू महाराज के कथित सुसाइड नोट में उनके वित्तीय अधिकार, संपत्ति, बैंक खाते और संबंधित मामलों में दस्तखत का हक उनके खास सेवादार विनायक दुधाड़े को सौंपे जाने का जिक्र है। दुधाड़े करीब 15 साल पहले उनसे जुड़ा था और साये की तरह उनके साथ रहता था।
 
अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान भय्यू महाराज और उनके ट्रस्ट की देशभर में फैली संपत्ति का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है। भय्यू महाराज के इंदौर में 21 मार्च 1999 को स्थापित श्री सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट में 11 ट्रस्टी हैं। यह संस्था मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में कृषि, जल संरक्षण और सामाजिक क्षेत्र में अलग-अलग गतिविधियां चलाती है। (भाषा)

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