मकर संक्रांति पर क्यों न करें चाइना डोर का इस्तेमाल, जानिए कारण और 6 सावधानियां

मकर संक्राति तिल गुड़ की मिठास के साथ-साथ पतंगबाजी के उत्साह से भरा पर्व है। लेकिन पतंगबाजी के पेंच लड़ाकर, हर पल रोमांच और खुशि‍यों से भर देने वाला यही पर्व एक ही पल में आपसे सारी खुशि‍यां छीन भी सकता है। जी हां, पतंग उड़ाने के लिए आप जिस मांझे का इस्तेमाल करते हैं, वह बेहद खतरनाक भी हो सकता है। कैसे, जरूर जानें -
 
संक्रांति के पहले ही बाजार रंगबिरंगी, छोटी-बड़ी, विभि‍न्न आकार की पतंगों से सज जाता है। इनमें से आप अपने मुताबिक कोई भी पतंग चुन सकते हैं, लेकिन इसे उड़ाने के लिए आप जिस मांझे, यानि पतंग उड़ाने वाली डोर का प्रयोग कर रहे हैं उससे सावधान हो जाएं। यह डोर न केवल आपको बुरी तरह से घायल कर सकती है, बल्कि संक्रांति पर पतंग की यह सुनहरी डोर, आपसे आपकी या अपनों की जिंदगी भी छीन सकती है।
 
आजकल बाजार में चाइना की बनी पतंगें और मांझे की खूब बिक्री हो रही है। लेकिन दिखने में आकर्षक और मजबूत मांझा आपको बुरी तरह से घायल कर सकता है। दरअसल अपनी पतंग को कटने से बचाने के लिए लोग चाइना की डोर का प्रयोग करते हैं, लेकिन चाइना की यह डोर सिर्फ आकाश में उड़ते पंछियों को ही घायल नहीं करती, बल्कि जरा सा टकराव होने पर आपके नाजुक हाथों को भी घायल कर देती है।
 
पि‍छले कुछ सालों में चाइना की डोर में उलझकर कई जानें जा चुकी है। इससे बचने के लिए आपको बेहद सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है। कुछ जरूरी सावधानियां जरूर अपनाएं -
 
1. बाजार से चाइना की डोर के बजाए सामान्य मांझा खरीदकर लाएं। यह बिल्कुल भी खतरनाक नहीं होता, और ना ही इतना पक्का होता है, कि किसी पशु-पक्षी को घायल करे।
 
2. अगर घर में गलती से भी चाइना की डोर आ गई है, तो उसे बच्चों और अन्य लोगों से दूर रखें और चाइना डोर के नुकसान और खतरे से अवगत कराएं।
 
3. पतंग उड़ाते समय भी विशेष रूप से सावधानी रखें। सामान्य धागे में भी कई बार कांच का मिश्रण लगा होता है। यह आपको घायल कर सकता है।
 
4.अगर बच्चे मिलकर पतंग उड़ा रहे हैं, तो बड़े इस बात का ख्याल रखें कि बच्चे किस प्रकार के मांझे का प्रयोग कर रहे हैं। वहां मौजूद रहकर बच्चों पर ध्यान रखें।
 
5.पतंग के कहीं उलझने या टकराने पर उसे खींचने का प्रयास न करें। इससे संबंधि‍त वस्तु को नुकसान पहुंच सकता है, साथ ही आपके हाथ में भी चोट लग सकती है।
 
6.सुरक्षि‍त स्थान पर खड़े रहकर पतंग उड़ाएं और इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मंझा किसी को स्पर्श न कर सके। इससे आसपास के लोग भी सुरक्षि‍त रहेंगे।

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