Mothers Day 2023 : सिंगल मदर के कोई नहीं हमदर्द,समाज का क्या है फर्ज?

बदलते समाज की अनिवार्य सदस्य हैं सिंगल मदर... हर पल अपने आप से लड़ती ये समाज से भी लड़ रही हैं अपने लिए नहीं अपनी संतान के लिए... 
 
14 मई को जब हम मां के लिए देश भर में मदर्स डे मना रहे होंगे तब एक बार उन मां पर नजर जरूर डालिए जो अकेली चट्टान की तरह खड़ी है अपने बच्चों के लिए लेकिन जर्जर हो चुकी व्यवस्था उन के लिए ऐसी रूकावट बन रही है जिसका किसी के पास से समाधान नहीं मिलता... 
 
कदम दर कदम वह सवालिया निगाहों का सामना करती है, तंज सहती है, अपने ऊपर हर वार झेलकर भी अपने बच्चे के लिए लगी रहती है... सिंगल पैरेंट है और नौकरी कर रही हैं तो बच्चे के लिए सवाल, कहां रखें उन्हें, डे केयर में जाए तो वहां भी वही सवाल, क्या कहीं नहीं है सिंगल पैरेंट के सवालों का जवाब??  
 
क्यों नहीं होती है उस मां की इज्जत, जो इस संसार में अकेले एक बच्चे की परवरिश कर रही है। सिंगल मदर को अजीब नजरों से क्यों देखा जाता है?

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अकेली मां यानी नहीं किसी का साथ, ना कोई सहारा, ना किसी की दया और ना ही कोई दर्द समझने वाला... बाहर से जितनी मजबूत भीतर से उतनी ही छलनी होती, बार-बार समाज से चोट खाती खुद को समेटती, सहेजती फिर चल पड़ती अपने संघर्षों की राह पर.. उसे यह समाज न हंसने का हक देता है और ना ही हालात उसे रोने का वक्त देते हैं... अपने सपनों को कुचलती, अपने अरमानों को खुद ही मसलती... वह पीड़ा के सागर को रोज पीती है, कोई जानना नहीं चाहता भीतर से वह कितनी रीती है... 
मातृत्व उसके लिए बेशकीमती है वरना विकल्प उनके पास भी था कि वह अपने बच्चे को कहीं छोड़कर अपने जीवन में आगे बढ़े, परंतु उन्होंने अपने बच्चे में अपनी दुनिया रची, गढ़ी और उसकी परवरिश को चुनौती समझ कर स्वीकार किया। जीवन तो किसी का आसान नहीं है, सभी को तकलीफों का सामना करना पड़ता है, पर अकेली मां के लिए उतना नहीं हो सकता जितना हम समाज, व्यवस्था और रिवाजों के नाम पर उनके लिए बना देते हैं।
 
कमाना उसे ही है, बच्चों की देख-रेख उसे ही करना है, उनकी शिक्षा की व्यवस्था वही देखेगी, घर देख-रेख भी तो जरूरी है, बाहर का काम, बच्चे की इच्छाएं सब कुछ देखते-समझते और निभाते हुए वह खुद को किनारे करती जाती है...  
 
सिंगल मदर के लिए हर कदम पर कुछ ना कुछ पीछे छूट जाता है, पर फिर भी वह पीछे मुड़कर नहीं देखती ना ही कभी हार मानती है। क्या इस मदर्स डे पर यह सोचना जरूरी नहीं कि हम उनकी मुश्किलें कम नहीं कर सकते तो कम से कम बढ़ाएं तो नहीं। 
हम क्या कर सकते हैं?
 
- अगर हम किसी सिंगल मदर को देखें जो अपने बच्चे की अकेली परवरिश कर रही है, तो उनके छोटे-छोटे कामों में हफ्ते में एक बार मदद करें, ताकि उन्हें अपने लिए थोड़ा समय मिल सके और आपके साथ से उनकी मुश्किलें कम हो जाएगी।  
 
- उनकी तकलीफों के साथ छोटी-मोटी जि‍म्मेदारी बांटें।
 
- उनको घर-परिवार जैसा सहज वातावरण दें।
 
- उन्हें तंज ना करें, सम्मान दें। याद रखिए वह एक जीवन की परवरिश कर रही हैं।
 
- कभी-कभी के बच्चे कुछ ऐसे सवाल पूछ लेते हैं जिनका जवाब मां के पास नहीं होता, आप उनका साथ दें।
 
- उनका अतीत कभी न कुरेदें जब तक कि वह स्वयं नहीं चाहे उस पर बात करना। 
 
- उनकी मजबूती, हिम्मत की प्रशंसा करें, प्रोत्साहन दें। 
 
- उनमें जो अच्छी बात है उसके साथ उनके हुनर, शौक और हॉबी को प्रोत्साहित करें, तारीफ करें।  
सिंगल मदर के लिए टिप्स 
 
-सबसे पहले अपने आप को शाबाशी दीजिए कि आपने एक जिंदगी को अकेले पालने का फैसला किया। चाहे हालात के कारण चाहे स्वयं के बल पर, लेकिन एक तारीफ खुद के लिए बनती है। 
 
- माना आपका सारा जीवन आपके बच्चे के इर्द-गिर्द घूमता है परंतु अपना और अपनी सेहत का ख्याल जरूर रखें, आप अपना ख्याल नहीं रखेंगी तो आपके बच्चे को कौन देखेगा?
 
- दुनिया को खुली नजरिये से देखे, हर इंसान खराब नहीं होता। आस पास के अच्छे लोगों पर विश्वास करें। लेकिन गलत लोगों से सतर्क भी रहें। 
 
- बहुत सारी चीजें एक साथ करने की कोशिश ना करें, टाइम मैनेज करें। इसमें कोई दो राय नहीं है कि आप एक सुपर मॉम हैं, पर स्थिरता से काम करें।
 
- घबराएं नहीं, आप में बहुत हिम्मत और समझ है, और इससे ही आप सारी परेशानियों का हल ढूंढ सकती हैं।
 
- बच्चे अगर ऐसे सवाल पूछें जिनका जवाब आप उस समय नहीं दे सकती, तो अपने जज़्बातों को संभाल कर समझदारी से सही समय आने पर दे। अपने बच्चों की जिज्ञासा का सम्मान करें, उन्हें इस पर डांटें नहीं।
 
- भावनात्मक होकर अपने बच्चे के सामने रोएं नहीं, उससे आप में एक कमजोर मां दि‍खेंगी।
 
- आपका बच्चा बड़ा होगा, उसकी खुद की समझ होगी और वह अपने फैसले खुद लेने लगेगा। उस पर अपनी ममता का दबाव ना डालें। 
 
- कुछ भरोसेमंद दोस्त ऐसे जरूर बनाएं जो मुसीबत में आपके साथ खड़े रहें। 

- सिंगल मदर हमारे समाज का मजबूरी में बना हिस्सा हैं, लेकिन वे मजबूती से अपने आपको जलाकर अपने बच्चों के जीवन में उजाला भर रही हैं। वे भी एक मिसाल हैं। 
मदर्स डे 2023 : कविता, शायरी, निबंध, लेख, इतिहास, कहानी और कोट्स सहित विशेष सामग्री एक साथ

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