वायु प्रदूषण : एक्शन में सीएम केजरीवाल, पराली पर जावड़ेकर को दिया जवाब, लोगों से की यह अपील

गुरुवार, 15 अक्टूबर 2020 (14:19 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए गुरुवार को एक अभियान शुरू किया। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कि वे यातायात सिग्नल पर रुकने के दौरान अपनी गाड़ी का इंजन बंद कर दें।
 
ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में एक करोड़ गाड़ियां पंजीकृत हैं।
अगर 30-40 लाख गाड़ियां हर दिन सड़कों पर उतरती हैं और यातायात सिग्नल पर रुकने के दौरान गाड़ी का इंजन चालू रहता है तो यह शहर के वायु प्रदूषण को बढ़ाता है।
 
दिल्ली-एनसीआर में धुंध पसरने के साथ ही पूरे क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' स्तर पर पहुंच गई। क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तहत बिजली जनरेटर पर प्रतिबंध सहित वायु प्रदूषण रोधी कई सख्त उपायों को भी लागू कर दिया गया है।
 
पराली पर जावड़ेकर को जवाब : पराली जलाने के कारण होने वाले प्रदूषण के संबंध में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के बयान के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इनकार करते रहने से कोई लाभ नहीं होगा।
 
जावड़ेकर ने कहा था कि केवल 4 प्रतिशत प्रदूषण पराली जलाने के कारण होता है और शेष प्रदूषण का कारण स्थानीय कारक हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि यदि केवल 4 प्रतिशत प्रदूषण पराली जलाने के कारण है, तो दिल्ली-एनसीआर में पिछले पखवाड़े में अचानक प्रदूषण क्यों बढ़ गया है।
 
पराली के कारण 44 प्रतिशत प्रदूषण : आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने कहा कि सीपीसीबी के 2019 के अपने अनुमान के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में 44 प्रतिशत प्रदूषण पराली जलाने के कारण फैला।
 
उन्होंने ट्वीट किया, 'केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 2019 के अनुमान के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में 44 प्रतिशत प्रदूषण पराली जलाने के कारण फैला। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के ‘सफर’ ने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने का योगदान 44 प्रतिशत था।'
 
नासा की तस्वीरों में जलती दिखी पराली : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) के कृत्रिम उपग्रह द्वारा ली गई तस्वीरों में पंजाब के अमृतसर, पटियाला, तरनतारन और फिरोजपुर तथा हरियाणा के अंबाला और राजपुरा में बड़े पैमाने पर खेतों में पराली जलाए जाने की घटनाएं सामने आई हैं।
 
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने कहा कि राजधानी की वायु गुणवत्ता पर इसका प्रभाव फिलहाल कम है। (भाषा)

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