Ration Scam Case : मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को ED की हिरासत में भेजा, कोर्ट में सुनवाई के दौरान हुए बेहोश

शनिवार, 28 अक्टूबर 2023 (00:45 IST)
Ration distribution scam case : अदालत में सुनवाई के दौरान बेहोश हो गए पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को राशन वितरण घोटाला मामले में केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को 10 दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेज दिया गया।
 
एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के वनमंत्री यहां बैंकशाल अदालत के अंदर सुनवाई के दौरान बेहोश होकर गिर पड़े और बाद में उन्हें तत्काल चिकित्सा देखभाल के लिए शहर के एक अस्पताल ले जाया गया। कई बीमारियों से पीड़ित मलिक को दक्षिणी कोलकाता के ईएसआई अस्पताल में चिकित्सा जांच के बाद अदालत में पेश किया गया।
 
उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के मंत्री को 17-18 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद शुक्रवार को तड़के प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट, कलकत्ता तनमय करमाकर ने मंत्री की हिरासत के लिए ईडी की याचिका मंजूर कर ली और उन्हें पांच नवंबर तक 10 दिनों के लिए केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।
 
ईडी ने कहा कि उसे कथित राशन घोटाले के संबंध में पूछताछ करने के लिए मलिक को हिरासत में लेने की जरूरत है। उसने दावा किया कि उन्हें बकिबुर रहमान नामक व्यक्ति के साथ उनके संबंध मिले हैं, जिसे इस मामले में लगभग एक पखवाड़े पहले गिरफ्तार किया गया था।
 
मंत्री की जमानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने निर्देश दिया कि मलिक को छह नवंबर को फिर से अदालत में पेश किया जाए। मंत्री क्योंकि अदालत कक्ष में बीमार पड़ गए, इसलिए अदालत ने उनकी पसंद के निजी अस्पताल में उनके इलाज की अनुमति दे दी, जिसके बाद आवश्यकता पड़ने पर उन्हें शहर के कमांड अस्पताल में स्थानांतरित किया जा सकता था। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अस्पताल में भर्ती होने की अवधि, यदि कोई हो, को उसके द्वारा दी गई ईडी हिरासत की अवधि से बाहर रखा जाएगा।
 
एक बड़ी साजिश का शिकार : ईडी अधिकारियों ने कहा कि मलिक को तड़के साढ़े तीन बजे कोलकाता के बाहरी इलाके में स्थित सॉल्ट लेक में उनके आवास से यहां केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय लाया गया। कथित राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) मंत्री नेकहा, मैं एक बड़ी साजिश का शिकार हूं।
 
मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि साजिश भाजपा और उसके नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा रची गई थी। शुभेंदु अधिकारी पूर्व में टीएमसी में थे। मलिक ने कहा, यह एक साजिश है। भाजपा हम सब के खिलाफ नापाक साजिशें रचने में सक्रियता से शामिल रही है। मलिक वर्तमान में राज्य के वनमंत्री हैं और इससे पहले वह खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे।
 
इससे पहले गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूछताछ के दौरान मलिक को कुछ भी होने की स्थिति में पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की चेतावनी दी थी। ममता के अनुसार, मलिक बीमार हैं और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां हैं। ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ ईडी की छापेमारी को भाजपा की एक गंदी राजनीति बताया।
 
ईडी ने इससे पहले मंत्री के विश्वासपात्र माने जाने वाले बकिबुर रहमान को गिरफ्तार किया था जिसकी रिमांड इस सप्ताह खत्म होने वाली है। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी मामले में घटनाक्रम के बारे में दोनों का बयान जानने के लिए उन्हें आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है।
 
मलिक की पत्नी और बेटी के बैंक खातों पर रोक : एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मंत्री मलिक को गिरफ्तार करने के कुछ घंटों बाद, ईडी ने शुक्रवार को उनके बैंक खातों के साथ-साथ उनकी पत्नी और बेटी के बैंक खाते से लेनदेन पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि मलिक का मोबाइल फोन भी जब्त किया गया है और उसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
 
अधिकारी ने बताया, हमने बैंक अधिकारियों को मंत्री, उनकी पत्नी और बेटी के खाते से लेनदेन पर रोक लगाने के निर्देश भेज दिए हैं। हम यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या मंत्री या उनके परिवार में किसी अन्य बैंक खाते का इस्तेमाल किया गया है।
 
भ्रष्टाचार के मामलों के संबंध में केंद्रीय एजेंसी द्वारा तृणमूल कांग्रेस के एक कैबिनेट मंत्री को पकड़े जाने के बाद मलिक की गिरफ्तारी इस तरह की दूसरी घटना है। पिछले साल राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को ईडी ने स्कूल भर्ती घोटाला से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया था।
 
केंद्रीय एजेंसी ने गुरुवार को मलिक के परिसरों पर तलाशी शुरू की थी। ईडी ने मध्य कोलकाता में एमहर्स्ट स्ट्रीट पर उनके पैतृक आवास की भी तलाशी ली। घोटाला सार्वजनिक वितरण प्रणाली और कोविड लॉकडाउन के दौरान खाद्यान्न वितरण में अनियमितताओं से संबंधित है।
 
ईडी के अधिकारी ने कहा, वह सहयोग नहीं कर रहे हैं और कल पूछताछ के दौरान उन्होंने हमारे अधिकारियों को भ्रमित करने वाले और विरोधाभासी जवाब दिए। वह लगातार यही कहते रहे कि वह बीमार हैं इसलिए सवालों का जवाब नहीं दे सकते। हमें घोटाले के संबंध में उनसे कई सवालों के जवाब चाहिए।
 
मंत्री शशि पांजा ने भाजपा पर लगाए आरोप : टीएमसी की प्रतिक्रिया का नेतृत्व करते हुए मंत्री शशि पांजा ने भाजपा पर लोगों से संबंधित मुद्दे उठाने वाली विपक्षी आवाजों को चुप कराने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, यह भाजपा द्वारा जन-समर्थक मुद्दों को उठाने वाले विपक्ष को दबाने का एक प्रयास है।
 
पांजा ने पूछा, सवाल यह है कि जिन भ्रष्ट भाजपा नेताओं और दलबदलू नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, उन्हें ईडी और सीबीआई द्वारा कभी क्यों नहीं बुलाया जाता है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा मनरेगा के बकाया भुगतान की मांग को लेकर टीएमसी द्वारा शुरू किए गए जन आंदोलन से डरी हुई है।
 
पांजा ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा जादू-टोना में लगी हुई है...(और) विरोधियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई को हथियार बना रही है। उन्होंने कहा कि इस रणनीति को 2024 के लोकसभा चुनावों में बंगाल के लोगों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। राज्य के मंत्री की गिरफ्तारी के जवाब में भाजपा ने कहा कि मामले में जांच की गति को देखते हुए ऐसा होना अपेक्षित था।
 
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा, उनके सहयोगियों में से एक द्वारा किए गए खुलासे के बाद गिरफ्तारी अपेक्षित थी, जिसे कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। एक बार फिर यह साबित हुआ है कि तृणमूल कांग्रेस भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है।
 
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, अब राज्य कैबिनेट की बैठक जेल में होगी। पिछले एक साल में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा दो अन्य विधायकों और तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल को स्कूल भर्ती घोटाला और मवेशी तस्करी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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