सोशल मीडि‍या बनेगा चुनाव का ‘वर्चुअल’ अखाड़ा, राजनीति‍क पार्ट‍ियां झौंकेंगी अपनी ‘डि‍जिटल ताकत’

अब आने वाले समय में कभी शायद सड़क पर किसी पार्टी का कार्यकर्ता हाथ में झंडा या अपनी पार्टी का कोई चिन्‍ह लेकर खड़ा नजर न आएं। क्‍योंकि उस वक्‍त वो कार्यकर्ता फेसबुक, ट्व‍िटर या इंस्‍टाग्राम पर पार्टी का प्रचार और उसका घोषणा पत्र वायरल करने में व्‍यस्‍त होगा।

ठीक इसी तरह उस पार्टी का उम्‍मीदवार अपने चुनाव मुख्‍यालय में लैपटॉप पर बैठकर ट्व‍िटर और फेसबुक पर नजर रखेगा।

दरअसल, कोरोना वायरस ने दुनिया के ज्‍यादातर हिस्‍सों को ‘वर्चुअल’ बना दिया है। जाहिर से इससे इलेक्‍शन भी अछूता नहीं रहा है। बि‍हार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ यह भी तय हो चुका है कि यह चुनाव सोशल मीडि‍या पर लड़ा जाएगा।

कोरोना की वजह से वर्चुअल बैठकें, वीडि‍यो कॉन्‍फ्रेंसिंग और अन्‍य सेमिनार की रिहर्सल तो इन दिनों होती ही रही है, ऐसे में कोई बड़ी बात नहीं कि शहर की किसी गली या मोहल्‍ले में अब कोई नेता हाथ जोड़कर वोट मांगता नजर न आए।

कहना गलत नहीं होगा कि अब सोशल मीडि‍या की वॉल भारतीय चुनावों के लिए मैदान की तरह होगी।

सोशल मीडि‍या की ‘छल’ से भरी ‘ताकत’  
दरअसल, आज सोशल मीडिया जनमत हासिल करने का एक शक्तिशाली उपकरण बन चुका है। याद कीजिए उत्‍तर प्रदेश विधानसभा के वो दिन जब एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी ने शर्त रखी थी कि टिकट उम्मीदवारी चाहिए तो फेसबुक पर कम से कम 25 हज़ार लाइक्‍स होना चाहिए। यह रियल टाइम खबरों का दौर है। एक फेक न्‍यूज एक ही पल में लाखों लोग शेयर कर देते हैं। प्रति‍ सेकंड ट्वीट और री-ट्वीट होता है।

कई बार तो किसी का निजी प्रोपगेंडा ही सच मानकर जमकर वायरल किया जाता है और वहीं सत्‍य बन जाता है। जिन चीजों का कहीं कोई अस्‍त‍ित्‍व ही नहीं है, उन्‍हें इतनी बार दोहराया जाता है कि वही सच मान लिया जाता है। जनता इस भ्रम और छलावे में आ जाती है।

वर्चुअल रैली-लाइव में झौंकी शाह-मोदी ने ताकत
जानकर हैरानी होगी कि‍ भाजपा अध्‍यक्ष अमि‍त शाह ने बि‍हार की 243 विधानसभा सीटों पर तैयारी की समीक्षा चार महीने पहले ही वीडि‍यो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए कर ली है। कैसे प्रचार होगा, वर्चुअल रेलियां कैसे, कब और कहां आयोजित होगीं इसकी पूरी तैयारी है। फेसबुक, ट्विटर, यू-ट्यूब और दलों के वेब पेज समेत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह, नीतीश कुमार और दूसरे तमाम नेताओं की वर्चुअल रैली लाइव देखी जाएगी। मोदी की तो 10 से 23 सितंबर के बीच इस चुनाव के लिए 6 वर्चुअल रेलियां और चुनावी सभाएं आयोजित हो चुकी हैं।

कुल मिलाकर इस विधानसभा में भाग लेने वाली पार्टि‍यों ने अपनी पूरी ‘डि‍जिटल ताकत’ झौंकने की तैयारी कर रखी है।

इन देशों में यह सब रुक गया, तो भारत में चुनाव क्‍यों
बता दें कि जहां कोरोना ने दुनिया के कई देशों को वर्चुअल लाइफ की तरफ धकेला है, वहीं दुनिया में कई ऐसे इवेंट थे, जिन्‍हें स्‍थगि‍त कर दिया गया है। लेकिन भारत में बि‍हार चुनाव पर कोई असर नहीं हुआ है।

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