चीन के साथ सीमा तनाव के बीच बोइंग ने भारत को 37 हेलीकाप्टरों की आपूर्ति पूरी की

शुक्रवार, 10 जुलाई 2020 (19:23 IST)
नई दिल्ली। चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच प्रमुख अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग ने पिछले महीने 22 अपाचे (Apache) लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में से अंतिम 5 हेलीकाप्टर भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) को सौंप दिए और यह फ्लीट अब वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास प्रमुख हवाई ठिकानों पर तैनात विमानों एवं हेलीकाप्टरों का हिस्सा बन गई है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
 
बोइंग ने कहा कि उसने सभी 22 अपाचे और 15 चिनूक सैन्य हेलीकाप्टरों की भारतीय वायुसेना को आपूर्ति पूरी कर दी है और वह भारतीय सशस्त्र बलों की संचालन जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
 
एएच-64ई अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत बहुद्देश्यीय लड़ाकू हेलीकाप्टरों में से एक है और इसे अमेरिकी सेना द्वारा उड़ाया जाता है। चिनूक एक बहुद्देश्यीय वर्टिकल लिफ्ट हेलीकाप्टर है जिसका उपयोग मुख्य रूप से सैनिकों, तोपखाने, उपकरण और ईंधन के परिवहन के लिए किया जाता है।
भारत ने सितंबर 2015 में भारतीय वायुसेना के लिए 22 अपाचे हेलीकाप्टरों और 15 चिनूक हेलीकाप्टर की खरीद के लिए बोइंग के साथ कई अरब डॉलर के एक अनुबंध को अंतिम रूप दिया था।
 
अधिकारियों ने कहा कि अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टर दोनों को ही पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव के मद्देनजर वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्रों में भारतीय वायुसेना की तैनाती के तहत सेवा में लगाया गया है।
 
बोइंग डिफेंस इंडिया के प्रबंध निदेशक सुरेंद्र आहूजा ने कहा, ‘सैन्य हेलीकाप्टरों की इस आपूर्ति के साथ ही हम इस साझेदारी का पोषण करना जारी रखे हुए हैं। हम भारत के रक्षा बलों की संचालन जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें उपयुक्त क्षमताएं उपलब्ध कराने के लिए उनके साथ नजदीकी तौर पर काम कर रहे हैं।’
 
जून 2016 में अमेरिका ने भारत को एक ‘प्रमुख रक्षा साझेदार’ का दर्जा दिया था और नई दिल्ली के साथ रक्षा व्यापार और प्रौद्योगिकी साझा करने को अपने निकटतम सहयोगियों और साझेदारों के स्तर तक बढ़ाने की इच्छा जताई थी। बोइंग ने कहा कि एएच-64ई अपाचे में लक्ष्य का पता लाने की एक आधुनिक प्रणाली लगी है जो दिन और रात दोनों समय काम करती है।
भारतीय वायुसेना का बाहुबली हेलीकॉप्टर Apache : उल्लेखनीय है कि पिछले साल 3 सितम्बर 2019 को ही भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की संहारक क्षमता और घातक हो गई थी क्योंकि उसके बेड़े में दुनिया का सबसे घातक हेलिकॉप्टर शामिल हो गया। 
 
‘अपाचे एएच-64ई’ दुनिया का सबसे घातक लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। अमेरिकी सेना इनका इस्तेमाल करती है। भारतीय वायुसेना ने 22 ‘अपाचे हेलीकॉप्टर’ के लिए अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ सितंबर 2015 में कई अरब डॉलर का अनुबंध किया था।
 
ये हैं 8 अपाचे एएच-64ई की खूबियां-
- दुनिया का सबसे घातक हेलीकॉप्टर अपाचे
- अमेरिकी सेना करती है बाहुबली अपाचे का इस्तेमाल
- भारत अपाचे को इस्तेमाल करने वाला 14वां देश है
- अपाचे किसी भी मौसम में कर सकता है हमला
- ऊंचे पहाड़ों व दुर्गम स्थल पर आतंकी कैंपों को कर सकता है तबाह
- 2 टर्बो सॉफ्ट इंजन, 4 शक्तिशाली पंख
- अपाचे में 16 एंटी टैंक मिसाइल
 
- अपाचे की रफ्तार 279 किलोमीटर प्रति घंटा
- 500 किलोमीटर तक की फ्लाइंग रेंज
- लेजर सिस्टम और नाइट विजन से लैस
- अपाचे को रडार भी नहीं पकड़ सकता
- 128 टारगेट एकसाथ भेदने में अपाचे सक्षम
- 4.5 किलोमीटर की दूरी से साध सकता है निशाना
- 30 एमएम गन और 1200 गोलियों से लैस है अपाचे
- पठानकोट एयरबेस पर तैनात, पाकिस्तान और चीन पर नजर
(वेबदुनिया/एजेंसी) 
 

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