वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल का निधन, कोरोनावायरस से लड़ रहे थे जंग

बुधवार, 25 नवंबर 2020 (07:12 IST)
नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल का बुधवार सुबह साढ़े तीन बजे निधन हो गया। उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। वे कोरोना से संक्रमित थे। इलाज के दौरान उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।
 
उनके बेटे फैसल पटेल ने ट्विटर पर अपने पिता के निधन की जानकारी साझा की। फैसल ने लिखा, 'एक साथ कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिसकी वजह से उनका निधन हो गया। अपने सभी शुभचिंतकों से अनुरोध करता हूं कि इस वक्त कोरोना वायरस के नियमों का कड़ाई से पालन करें और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर दृढ़ रहें और किसी भी सामूहिक आयोजन में जाने से बचें।'
 
71 वर्षीय पटेल अक्टूबर में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। उन्होंने ट्वीट कर खुद के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी थी। उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने पर उन्हें 15 नवंबर को मेदांता अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।
 
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मोदी ने एक ट्वीट संदेश में कहा है, 'अहमद पटेल जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में लंबे समय तक समाज की सेवा की। अपनी तीक्ष्ण बुद्धि के लिए जाने जाने वाले श्री पटेल का कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने में योगदान हमेशा याद किया जाएगा।'
 
कांग्रेस नेताओं ने भी जताया दुख : कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, दिग्विजय सिंह समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। कांग्रेस नेताओं ने भी जताया दुख : कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, दिग्विजय सिंह समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा है, 'यह एक दुखद दिन है। अहमद पटेल कांग्रेस पार्टी के एक स्तंभ थे। वह अपने सबसे कठिन समय में पार्टी के साथ खड़े रहे। वह एक बड़े एसेट थे। हम उन्हें हमेशा याद करेंगे। फैजल, मुमताज और परिवार को मेरा प्यार और संवेदना।'

26 की उम्र में पहली बार सांसद बने थे अहमद पटेल : सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे पटेल का जन्म 21 अगस्त 1949 को गुजरात में भरुच ज़िले के पिरामल गांव में हुआ था। उस वक्त भरूच कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। वह पहली बार 1977 में 26 वर्ष की आयु में भरूच से लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे।
 
पटेल यहां से तीन बार लोकसभा सांसद चुने गए। पार्टी में धीरे-धीरे उनका कद बढ़ता गया और 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव बनाए गए।
 
पटेल को 1986 में गुजरात कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। वह 1988 में गांधी-नेहरू परिवार द्वारा संचालित जवाहर भवन ट्रस्ट के सचिव बनाए गए। वह सोनिया और राजीव दोनों के विश्वासपत्र रहे। वह तीन बार लोकसभा सांसद के अलावा पांच बार राज्यसभा सांसद भी रह चुके थे। पर्दे के पीछे से राजनीति करने वाले श्री पटेल को 2018 में कांग्रेस पार्टी का कोषाध्याक्ष नियुक्त किया गया था।

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