BreakingNews: भारतीय वायुसेना का बड़ा फैसला, MiG-21 फाइटर के पूरे बेड़े की उड़ान पर लगाई रोक

शनिवार, 20 मई 2023 (18:44 IST)
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने फाइटर जेट MiG-21 फाइटर जेट के पूरे बेड़े की उड़ान को रोक दिया है। मीडिया खबरों के मुताबिक राजस्थान में क्रैश हुए मिग-21 की जांच पूरी होने तक यह रोक लगाई गई है। वायुसेना के अधिकारियों ने कहा कि हादस के कारणों का पता लगने तक उड़ानों पर रोक रहेगी। 

8 मई को एक गांव में सूरतगढ़ हवाई अड्डे से मिग -21 बाइसन विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से तीन लोगों की मौत हो गई थी। राजस्थान के ऊपर दुर्घटनाग्रस्त हुआ फाइटर जेट एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था जब यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पायलट को मामूली चोटें आईं, जिसके बाद दुर्घटना के सही कारण की जांच के लिए जांच शुरू की गई।

इसी वर्ष पूरे किए 60 वर्ष : भारत ने मार्च 1963 में मिग -21 फाइटर जेट खरीदना शुरू किए थे। एक प्रसिद्ध लड़ाकू और IAF इन्वेंट्री में पहला सुपरसोनिक विमान था। इसने इसी साल मार्च में 60 साल पूरे कर किए हैं। 1971 के युद्ध के नायक और कई लड़ाकू भूमिकाओं को निभाने के लिए वर्षों में अपग्रेड किया गया था, विमान आज तक देश की सेवा कर रहा था, लेकिन लगातार इसके हादसों के कारण एयरफोर्स ने यह बड़ा कदम उठाया है।

घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि सभी मिग -21 विमान फिलहाल तकनीकी मूल्यांकन और जांच के दौर से गुजर रहे हैं, और जांच दलों की मंजूरी के बाद ही उन्हें उड़ान भरने की अनुमति दी जाएगी।
 
400 विमान दुर्घटनाग्रस्त : हनुमानगढ़ की घटना के बाद सोवियत मूल के मिग-21 विमान फिर से चर्चा में आ गए थे। 1960 के दशक की शुरुआत में मिग-21 को पेश किए जाने के बाद से अब तक लगभग 400 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं।
 
लंबे समय तक मिग-21 भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार हुआ करते थे। भारतीय वायुसेना ने अपने समग्र युद्ध कौशल को बढ़ाने के लिए 870 से अधिक मिग-21 लड़ाकू विमान खरीदे थे। हालांकि, विमान का सुरक्षा रिकॉर्ड बहुत खराब है।
 
50 विमान : आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह दशकों में 400 मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल वायुसेना के पास लगभग 50 मिग-21 विमान हैं। Edited By : Sudhir Sharma

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