ममता ने मोदी से कहा- सबूत दो नहीं तो जेल में डाल दूंगी

गुरुवार, 16 मई 2019 (14:28 IST)
कोलकाता। कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला किया है। ममता ने महान समाजसेवी और स्वतंत्रता सैनानी ईश्वरचंद विद्यासागर की मूर्ति तोड़े जाने की घटना पर पीएम मोदी को चुनौती देते हुए कहा कि उनके पास सबूत है और इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र कह रहे हैं कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने मूर्ति तोड़ी है और वो जो कह रहे हैं उसे साबित करें नहीं तो हम उन्हें जेल में डाल देंगे।
 
 
ममता बनर्जी ने कहा, 'वह कहते हैं ईश्वरचंद विद्यासागर की मूर्ति बनाएंगे। बंगाल के पास पैसा है और वह खुद मूर्ति बना सकता है। लेकिन क्या वह 200 साल की हमारी विरासत हमें लौटा सकते हैं? हमारे पास सबूत है इसके बावजूद वह कह रहे हैं कि टीएमसी ने यह किया है। झूठे, अपने आरोपों को साबित करें नहीं तो हम उन्हें जेल में डाल देंगे।"
 
 
उल्लेखनीय है कि समाजसेवी और स्वतंत्रता सैनानी ईश्वरचंद विद्यासागर की मूर्ति तोड़े जाने के बाद से बीजेपी और टीएमसी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। दोनों पार्टियां एक दूसरे पर मूर्ति तोड़ने का आरोप लगा रही हैं। यह घटना मंगलवार की है जब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कोलकाता में रोड शो कर रहे थे। इसी रोड शो में बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी हुई और फिर बात आगे बढ़ गई।
 
 
ममता बनर्जी आज शाम करीब 5 बजे फिर एक बार कोलकाता की सड़कों पर पदयात्रा करेंगी। ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने दावा किया है कि अमित शाह की रैली के दौरान समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने तोड़ी।
 
 
उल्लेखनीय है कि आज शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल में एक रैली को संबोधित करेंगे। इससे पहले उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज करते हुए गुरुवार को कहा कि वह काफी समय से दीदी का रवैया देख रहे हैं, जिसे अब पूरा देश देख रहा है और हमारी सरकार उसी जगह पर ईश्वरचंद्र विद्यासागर की पंचधातु से निर्मित प्रतिमा स्थापित कर तृणमूल कांग्रेस के गुंडों को जवाब देगी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ दी। यह कृत्य जिन्होंने किया है, उन्हें कठोरतम सजा दी जानी चाहिए।
 

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