मनीष सिसोदिया की UP सरकार को चुनौती, शिक्षा के मुद्दे पर खुली बहस को तैयार

बुधवार, 16 दिसंबर 2020 (18:32 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी। आम आदमी पार्टी की सरकार ही उप्र में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार ला सकती है। साथ ही डिप्टी सीएम ने उत्तरप्रदेश में मं‍‍त्रियों की ओर से शिक्षा के मुद्दे पर खुली बहस की चुनौती को भी स्वीकार करते हुए ऐलान किया कि 22 दिसंबर को मंगलवार के दिन यूपी के लखनऊ में आ रहा हूं। मंगलवार को यूपी के सीएम या किसी भी मंत्री से शिक्षा के मुद्दे पर ओपन डिबेट के लिए तैयार हूं।
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दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बुधवार को डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को यूपी में चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। केजरीवाल ने कहा था कि यूपी में स्वास्थ्य, बिजली और पानी की हालत बहुत की ज्यादा खराब है। राजनेता और अपराधी मिलकर काम कर रहे हैं, तो यूपी के मंत्री प्रतिक्रिया देने आगे आए और स्कूल, हॉस्पिटल की बात रखी।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुझे बड़ी खुशी हुई कि 70 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि यूपी के किसी मंत्री या नेता ने शिक्षा और स्वास्थ्य की बात की। आखिर किसी भी तरह उनके मुंह से शिक्षा और स्वास्थ्य की बात तो निकली। यूपी के शिक्षामंत्री ने यूपी सरकार की ओर से स्कूलों में किए गए कामों का गुणगान किया। यदि सरकार का गुणगान करने से स्कूलों की हालत सुधरती तो सभी सरकारें स्कूलों की हालत सुधार चुकी होती।
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सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा का बजट बढ़ाने व टीचरों को सम्मान और सुविधा देने से ही स्कूलों की स्थिति को सुधारा जा सकता है। स्कूल के प्रिंसीपल को ट्रेनिंग, सुविधा और अधिकार देने से ही स्कूलों की हालत सुधर सकती है। इस दौरान उन्होंने यूपी के सरकारी स्कूलों की हालत पर प्रकाशित रिपोर्ट और अखबारों में छपी खबरों की प्रतियां भी मीडिया प्रतिनिधियों को दिखाईं। यूपी के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के नाम पर बच्चों को रोटियों के साथ नमक दिया जाता है और यह खबर अखबार में प्रकाशित हुई तो यूपी सरकार ने खबर छापने वाले पत्रकार को जेल में डाल दिया।
 
नीति आयोग की रिपोर्ट के बारे में बताते हुए सिसोदिया ने कहा कि नीति आयोग ने भी माना कि यूपी के कई सरकारी स्कूल तो तबेला बन चुके है जिनमें पशु बंधे रहते हैं। यूपी के 50 हजार स्कूलों में फर्नीचर नहीं है, 35 हजार स्कूलों में बाउंड्रीवॉल नहीं है, 60 हजार स्कूलों में बिजली नहीं है। अलग-अलग शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है।
 
सिसोदिया ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार अपने कुल बजट का 25 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर वहन करती है। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी राज्य सरकार ने कुल बजट का 25 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 12वीं कक्षा का रिजल्ट 98 प्रतिशत रहा। एक क्लास में पढ़ने वाले करीब 80 स्टूडेंट्स में से एक तिहाई बच्चों ने इस बार नीट का एग्जाम क्लीयर किया है। 1 क्लास के 5 बच्चों को आईआईटी में दाखिला मिला है।
 
सिसोदिया ने कहा कि यदि यूपी के सरकारी स्कूलों में इस तरह के परिणाम सामने आते हो तो मैं यूपी के शिक्षामंत्री या मुख्यमंत्री से शिक्षा के मुद्दे पर बहस करने को तैयार हूं। लेकिन यूपी के मंत्रियों से अपील है कि मुझे बहस के लिए निमंत्रण दिया है तो खुद इस बहस से पीछे मत हटना। सिसोदिया ने कहा कि यूपी सरकार अपने पिछले 4 साल के कार्यकाल में सुधारे गए किन्हीं भी 10 स्कूलों की लिस्ट दिखाए जिनकी विजिट की जा सके।

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