सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, राज्य सरकारों को अदालत नजर आती है सैरगाह

सोमवार, 19 अक्टूबर 2020 (15:41 IST)
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकारें अपील दायर करने में जान-बूझकर देरी करती हैं, क्योंकि इन्हें अदालतें सैरगाह नजर आती हैं।
 
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने पिछले दिनों मध्य प्रदेश सरकार की एक विशेष अनुमति याचिका खारिज करते हुए उस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। न्यायालय ने इस दौरान तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकारें अपील दायर करने में जान-बूझकर देरी करती हैं, ताकि उन्हें यह कहने का बहाना मिल जाए कि याचिका खारिज हो गई।
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खंडपीठ ने कहा कि निर्धारित अवधि (लिमिटेशन पीरियड) की अनदेखी करने वाली राज्य सरकारों के लिए शीर्ष अदालत सैरगाह की जगह नहीं हो सकती कि जब मन में आया, चले आए।
 
न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकारों को ‘न्यायिक वक्त बर्बाद करने को लेकर खामियाजा भुगतना चाहिए’ तथा इसकी कीमत जिम्मेदार अधिकारियों से वसूली जानी चाहिए। मध्यप्रदेश सरकार की ओर से ‘भेरूलाल मामले’ में 663 दिनों की देरी से अपील दायर की गई थी।

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