भारत अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रकाशित 'भारत काव्य पीयूष' काव्य संग्रह में रेखा भाटिया की 2 कविताएं

'वैश्विक हिंदी संस्थान' ह्यूस्टन, अमेरिका द्वारा भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष के शुभ अवसर पर मनाए जा रहे 'आजादी का अमृत पर्व' (Azadi Ka Amrit Mahotsav) पर विश्व भर से भारतसहित कई देशों से संबंधित कविताएं आमंत्रित की गई थीं। इस संबंध में विश्वभर से अनेक रचनाएं प्राप्त हुई। कई महीनों तक गहन परिचर्चा व परिश्रम के उपरांत इस पुस्तक में प्रकाशन हेतु कुछ श्रेष्ठ कविताएं चयनित की गईं।
 
इसे एक काव्य संकलन 'भारत काव्य पीयूष' नाम से पुस्तक के रूप में अमेरिका से प्रकाशित किया जा रहा है, इस संकलन में 115 कवियों द्वारा रचित 171 कविताएं सम्मिलित की गईं हैं। कविताओं का वर्गीकरण 11 विषयों में है। यह काव्य संग्रह इसलिए खास है कि इसमें 8 देशों ऑस्ट्रेलिया, कतर, तंजानिया, श्रीलंका, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, भारत और यूएई के कवियों की कविताएं सम्मिलित हैं। राष्ट्रप्रेम एवं राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत यह काव्य संग्रह आजादी की वर्षगांठ पर देश को अनुपम उपहार है।
          
इस काव्य संग्रह में प्राचीन भारत से लेकर वर्तमान भारत तक की अद्भुत झांकी प्रस्तुत की गई है और साथ ही साथ भविष्य में विश्व पटल पर भारत की संभावनाओं को लेकर उम्मीदों की तस्वीर को बड़े मनोयोग से उकेरा गया है। भारतीयता की अनूठी सुगंध से इस काव्य संग्रह का शब्द-शब्द सुवासित है।
 
इस संकलन में इंदौर, मध्यप्रदेश मूल की और वर्तमान में शार्लिट, अमेरिका से सुविख्यात प्रवासी रचनाकार रेखा भाटिया दो कविताएं 'एक भारत यहां भी है बसा' और 'क्यों याद आती है आज भी वह माटी' भी संकलित की गई हैं। इस संकलन के प्रधान संपादक डॉक्टर ओम प्रकाश गुप्ता है, जो स्वयं ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी, अमेरिका में प्राध्यापक के पद पर सुशोभित है। 
 
इस संकलन 'भारत काव्य पीयूष' का लोकार्पण दिनांक 14 अगस्त 2022 को डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, अध्यक्ष, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर), भारत सरकार के कमलों द्वारा किया जाएगा।
      
ज्ञात हो कि रेखा भाटिया कई वर्षों से वेबदुनिया से जुड़ी हुई हैं। वह कई अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में वर्षों से निरंतर छपती आ रही हैं। उनकी एक पुस्तक और सहभागिता में सात पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

अभी हाल ही में रेखा भाटिया की सहभागिता में नॉर्थ कैरोलाइना स्टेट के तेरह कवियों का साझा काव्य संग्रह 'मन की तुरपाई' प्रकाशित हुआ है। अक्सर देश, सैनिक, सामाजिक विषयों, प्रकृति, पर्यावरण और नारी शक्ति जैसे विषयों पर लिखने में रेखा भाटिया खास रूचि रखती हैं।

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