वर्ष 2024 में कब है पौष अमावस्या, जानें मुहूर्त, पूजा विधि और नियम

HIGHLIGHTS
• हिंदू धर्म में पौष अमावस्या का विशेष महत्व कहा गया है। 
• पौष अमावस्या पर सूर्यदेव का पूजन तथा दान के कार्य किए जाते हैं।
• इस दिन पितृ तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
 
Paush Amavasya 2024: वर्ष 2024 में 11 जनवरी, दिन गुरुवार को पौषी अमावस्या मनाई जा रही है। इसे दर्श अमावस्या भी कहते हैं। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार पौष के महीने में कृष्ण पक्ष की यह अमावस्या बहुत खास मानी जाती है। तथा इस दिन व्यक्ति को अपने सामर्थ्यनुसार दान, पुण्य तथा मंत्र जाप अवश्य ही करने चाहिए। यदि किसी कारणवश कोई तीर्थस्थान पर नहीं जा पा रहा है, तो वह अपने घर में ही प्रात: दैनिक कर्मों से निवृत्त होकर तथा स्नान के समय पानी में गंगा जल डालकर स्नान करके पुण्यकारी कार्य करते हुए मंत्रों का जाप करें तो इससे जातक को बहुत अच्छा लाभ प्राप्त होता है। इस दिन पूरे मन से सूर्यदेव की आराधना और पितृ तर्पण तथा दान-पुण्य के कार्य करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
 
पौष अमावस्या पूजन विधि-Puja Vidhi 2024
 
- पौष मास की अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई करें। 
- अमावस्या के दिन मौन रहकर व्रत-उपवास रखें। 
- नहाने से पूर्व जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें। 
- गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें, साफ वस्त्र पहनें।
- सूर्यदेव को काले तिल डालकर जल का अर्घ्य अर्पित करें। 
- इस दिन पितरों का पूजन करने का विधान है, इससे पितृ प्रसन्न होकर वरदान और आशीष देते हैं। 
- अगर नदी या सरोवर तट पर स्नान कर रहे हैं तो तिल मिश्रित जलधारा प्रवाहित करें। 
- फल, फूल, धूप, दीपक, अगरबत्ती आदि चीजों से भगवान श्री विष्णु जी का पूजन करें। 
- पूजन के बाद गरीबों या ब्राह्मणों को भोजन कराएं, तत्पश्चात स्वयं भोजन ग्रहण करें। 
- आज अपने सामर्थ्यनुसार भक्तिपूर्वक दान अवश्‍य ही करें।
- मंत्र- 
 
नियम- Amavasya Ke Niyam
 
1. पौष अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें। 
2. फिर ब्रह्म मुहूर्त में गंगा नदी, सरोवर तट या पवित्र कुंड में स्नान करें।
3. स्नान के पश्चात साफ और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
4. एक तांबे के लोटे में जल भरकर काले तिल मिलाकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। 
5. सूर्य अर्घ्य के बाद मंत्रों का जप और अपने सामर्थ्यनुसार दान करें।
6. आज गायत्री मंत्र का जाप या मंत्रोच्चारण के साथ या श्रद्धा, भक्तिपूर्वक दान करना चाहिए।
7. अमावस्या के दिन ईश्वर की भक्ति में लीन रहते हुए अपना आचरण शुद्ध रखें।
8. यदि संभव हो दिनभर मौन व्रत धारण करके व्रत रखें। 
9. कोई भी रोग होने पर गुड़ व आटा दान करें।
10. अमावस्या के दिन क्रोध, गुस्सा करने से बचें, अपशब्दों तथा वाद-विवाद नहीं करें।
11. इस दिन छाता, वस्त्र, बिस्तर, गाय, सोना या अन्य उपयोगी सामग्री का सामर्थ्यनुसार दान करें। 
12. अमावस्या के दिन नशा न करें, सिगरेट आदि से दूर रहें।
 
पौष अमावस्या के मुहूर्त 2024-Paush Amavasya Muhurat 
 
11 जनवरी पौष अमावस्या के दिन सूर्योदय- 05.18 ए एम से और सूर्यास्त 05.56 पी एम होगा।
पौष अमावस्या 11 जनवरी 2024, बृहस्पतिवार को मनाई जाएगी। 
 
पौष कृष्ण अमावस्या का प्रारंभ- 10 जनवरी को 11.40 ए एम शुरू, 
पौषी अमावस्या-  11 जनवरी को 08.56 ए एम पर समापन होगा। 
 
राहुकाल- 01.11 पी एम से 02.46 पी एम
 
गुलिक काल- 08.27 ए एम से 10.02 ए एम
 
अभिजित मुहूर्त- 11.11 ए एम से 12.02 पी एम
 
यमगण्ड- 05.18 ए एम से 06.52 ए एम तक।
 
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