लड्डू लीला से तेज हो जाती है होली

गुरुवार, 13 मार्च 2008 (16:11 IST)
भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा में होली में तेजी बरसाना की लट्ठमार होली से एक दिन पहले लड्डू लीला से आती है। श्री जी मंदिर बरसाना के सेवायत आचार्य राम हरि गोस्वामी के अनुसार इस बार लड्डू होली 14 मार्च को एवं लट्ठमार होली 15 मार्च को खेली जाएगी।

बरसाना में लट्ठमार होली की तैयारियाँ हो रही हैं। लाठियों को तेल पिलाकर ढाल, ढप्प, बम्ब की मरम्मत जारी है। श्री जी मंदिर में नित्य रसिया गायन चल रहा है... ''मैं तो सोय रही सपने में...मोपे रंग डारयो नन्दलाल''।

जिलाधिकारी सुश्री अनीता सी. मेश्राम के अनुसार बरसाना को पाँच सेक्टर में बाँटा गया है। लट्ठमार होली पर महिलाओं के साथ अभद्रता रोकने के लिए बेर, संतरा, नीबू और पॉलीथीन की थैली में गुलाल बेचने पर रोक लगा दी गई है। संवेदनशील स्थानों पर सादी वर्दी में भी पुलिसकर्मी तैनात किए जाएँगे।

सूचना आती है : बरसाने की लट्ठमार होली खेलने की सूचना देने के लिए श्रीकृष्ण के प्रतिनिधि के रूप में फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अष्टमी को नंदगाँव में गोप या पंडा आता है। गोपियाँ इस पंडे की खातिरदारी माखन, मिश्री एवं लड्डुओं से करती हैं, तो भाव विभोर होकर पंडा गोपियों के साथ कई मन लड्डू से ही होली खेलने लगता है।

इस अवसर पर श्री जी मंदिर में छप्पन भोग लगाया जाता है। नवमी को श्रीकृष्ण और उनके सखा नंदगाँव के नंदबाबा मंदिर से ध्वजा लेकर गाते बजाते बरसाना पहुँचते हैं...''चलो बरसाने खेलें होरी, ऊँचौ गाँव बरसानौ है, जहाँ बसैं राधा गोरी...''।

स्वागत होता है भांग और ठंडाई से : बरसाना में पीली पोखर पर नंदगाँव के हुरिहारों का स्वागत भांग, ठंडाई आदि से किया जाता है और सबसे बुजुर्ग द्वारा मिलनी की जाती है। यहीं पर हुरिहार अपनी ढालों एवं पगड़ी को ठीक कर गाते बजाते श्री जी मंदिर की ओर चलते हैं... 'फाग खेलन बरसाने आए हैं, नटवर नन्दकिशोर'।

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