धन का नाश, मन का ताप (दुःख), स्त्री का चरित्र, किसी से ठगे जाने पर, किसी के द्वारा अपमान किए जाने पर (विशेष तौर पर अपने से नीचे के लोगों के द्वारा) बुद्धिमान् लोग इसे प्रकाश में ना लाएं, अर्थात् दूसरों को न बताएं, अन्यथा आपका उपहास उड़ाया जाएगा और आपके दुःख को कोई नहीं समझ पाएगा।
1. चाणक्य मानते थे कि किसी भी व्यक्ति को अगर आर्थिक हानि होती है तो उसे भूलकर भी इस बात को किसी से साझा नहीं करना चाहिए। ऐसी बातें गुप्त ही रखनी चाहिए क्योंकि कोई भी आपकी आर्थिक हानि को जानकर मदद करने को तैयार नहीं होगा। दूसरा उसे मदद ना करनी पड़ जाए इस डर से दूर हो जाएगा। अत : सावधान, अपनी आर्थिक कमी की चर्चा किसी से न करें।
3. अपनी पत्नी की अच्छी और बुरी बातें किसी से नहीं बांटना चाहिए विशेषकर पत्नी की बुरी बातें या चरित्र संबंधी बातें। क्योंकि जब हम घर के कलह, बुराई या स्त्री के चरित्र की बातें बाहर ले जाते हैं तो जग हंसाई के अलावा कुछ हासिल नहीं होता है।
4. किसी ने यदि आपको ठग लिया है तो इसे भी अपने तक ही सीमित रखिए, अन्यथा लोग आप का ही मखौल बनाएंगे कि आप चतुर नहीं है। हो सकता है इस बात का असर किसी पर यह हो कि अगली बार वह भी आपको ही ठगने का विचार करने लगे।