चाणक्य इन 5 बातों को बताने से मना करते हैं...आप भी पढ़ें

"अर्थनाशं मनस्तापं गृहे दुश्चरितानि च ।
वञ्चनं चापमानं च मतिमान्न प्रकाशयेत् ।।"
 
धन का नाश, मन का ताप (दुःख), स्त्री का चरित्र, किसी से ठगे जाने पर, किसी के द्वारा अपमान किए जाने पर (विशेष तौर पर अपने से नीचे के लोगों के द्वारा) बुद्धिमान् लोग इसे प्रकाश में ना लाएं, अर्थात् दूसरों को न बताएं, अन्यथा आपका उपहास उड़ाया जाएगा और आपके दुःख को कोई नहीं समझ पाएगा।


 
कूटनीति और अर्थशास्त्र के मर्मज्ञ आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी विशेष बातें बताई हैं जिन्हें कभी भी किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए। 

1. चाणक्य मानते थे कि किसी भी व्यक्ति को अगर आर्थिक हानि होती है तो उसे भूलकर भी इस बात को किसी से साझा नहीं करना चाहिए। ऐसी बातें गुप्त ही रखनी चाहिए क्योंकि कोई भी आपकी आर्थिक हानि को जानकर मदद करने को तैयार नहीं होगा। दूसरा उसे मदद ना करनी पड़ जाए इस डर से दूर हो जाएगा। अत : सावधान,  अपनी आर्थिक कमी की चर्चा किसी से न करें। 


2. चाणक्य कहते हैं कि हमें अपना दुख अपने तक ही रखना चाहिए। क्योंकि अगर आपने इसे साझा किया तो  सबसे ज्यादा संभावनाएं यह होती हैं कि लोग आपकी मदद करने के बजाए आपका मजाक बनाए। हो सकता है यह मखौल आपको और अधिक दुखी कर दे। 


3. अपनी पत्नी की अच्छी और बुरी बातें किसी से नहीं बांटना चाहिए विशेषकर पत्नी की बुरी बातें या चरित्र संबंधी बातें। क्योंकि जब हम घर के कलह, बुराई या स्त्री के चरित्र की बातें बाहर ले जाते हैं तो जग हंसाई के अलावा कुछ हासिल नहीं होता है। 

 
 

4. किसी ने यदि आपको ठग लिया है तो इसे भी अपने तक ही सीमित रखिए, अन्यथा लोग आप का ही मखौल बनाएंगे कि आप चतुर नहीं है। हो सकता है इस बात का असर किसी पर यह हो कि अगली बार वह भी आपको ही ठगने का विचार करने लगे। 
 

5. अगर आपसे नीचे स्तर के लोग आपका अपमान करें तो इसे कभी भी सार्वजनिक मत कीजिए। इससे आपकी ही प्रतिष्ठा कम होगी। यह बात आपके व्यक्तित्व से जोड़कर देखी जा सकती है कि एक छोटा सा व्यक्ति भी आपको अपमानित कर सकता है मतलब आपका अपना कोई सम्मान नहीं है।  

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