यह फोटो आपकी आंखें खोल देगा.....

हिंदू धर्म ईश्वर को कर्ता-धर्ता नहीं मानता। वह तो एक 'शुद्ध प्रकाश' है। उसकी उपस्थिति से ही ब्रह्मांड निर्मित होते हैं और भस्म भी हो जाते हैं। जब कुछ नहीं था तब भी वही था और अब सब कुछ है तो तब भी वही है और प्रलयकाल में जब फिर से कुछ नहीं होगा तब भी सिर्फ वही होगा।


हिंदू धर्म ईश्वर को कर्ता-धर्ता नहीं मानता। वह तो एक 'शुद्ध प्रकाश' है। उसकी उपस्थिति से ही ब्रह्मांड निर्मित होते हैं और भस्म भी हो जाते हैं। जब कुछ नहीं था तब भी वही था और अब सब कुछ है तो तब भी वही है और प्रलयकाल में जब फिर से कुछ नहीं होगा तब भी सिर्फ वही होगा।

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