इंदौर का अभय प्रशाल विश्व टेबल टेनिस के 'हॉट स्पॉट' में

मध्यप्रदेश के गौरव और इंदौर की शान कहे जाने वाले अभय प्रशाल का शुमार विश्व टेबल टेनिस फेडरेशन ने अपने आयोजन स्थलों की श्रेणी में अपने उन चुनिंदा 12 'हॉट स्पॉट' में किया है, जहां टेबल टेनिस खिलाड़ियों को रहने, खाने और खेल तीनों की विश्वस्तरीय सुविधाएं प्राप्त हैं। 'हॉट स्पॉट' का सरल भाषा में सीधा मतलब यह है कि दुनिया का वह चुनिंदा आयोजन स्थल जहां पर किसी भी समय, एक ऐसा आयोजन करवाया जा सके, जो विश्वस्तरीय हो, जहां के आयोजक वर्ल्ड लेवल के इवेंट को बेहद सरलता से संयोजित कर सकें...
मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित अखबारों में शुमार 'नईदुनिया' समाचार-पत्र के पितृपुरुष कहे जाने वाले श्री बाबू लाभचंद छजलानी के पुत्र श्री अभय छजलानी के प्रयासों से शहर के दिल कहे जाने वाले स्थल पर 'खेल प्रशाल' का निर्माण 1983 में पूरा हुआ था। इस बात को आज की पीढ़ी शायद नहीं जानती कि 'खेल प्रशाल' का नाम 'अभय प्रशाल' के रूप में कैसे तब्दील हुआ...
 
1983 में 'खेल प्रशाल' का उद्घाटन राष्ट्रीय टेबल टेनिस के आयोजन के साथ हुआ और तब मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अर्जुन सिंह हुआ करते थे। वे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे और उन्होंने खेल प्रशाल के विराट स्वरूप को देखते हुए अभयजी के प्रयासों की प्रशंसा की। साथ ही साथ यह भी घोषणा कर डाली कि इसका नाम 'खेल प्रशाल' के बजाय 'अभय प्रशाल' होना ज्यादा मुनासिब होगा... बस तभी से इस स्पोर्ट्‍स कॉम्प्लेक्स को 'अभय प्रशाल' के रूप में देशभर में पहचाना जाने लगा। 
 
समय गुजरने के साथ ही साथ अभय प्रशाल अत्याधुनिक सुविधाओं से भी लैस होता चला गया। इसके लिए मध्यप्रदेश टेबल टेनिस एसोसिएशन प्रमुख रहे स्व. सुरेश गावड़े, वर्तमान में एसोसिएशन के महासचिव जयेश आचार्य और उनके साथी खिलाड़ियों की एक पूरी टीम नि:स्वार्थ भावना से टेबल टेनिस के विकास में जुट गई। इस मेहनत का ही परिणाम है कि आज विश्व टेबल टेनिस फेडरेशन ने 'अभय प्रशाल' को दुनिया के 12 हॉट स्पॉट में शुमार किया है। अत्याधुनिक क्लब हाउस बनने के बाद यहां पर लॉजिंग-बोर्डिंग की समस्या भी चुटकी में हल हो गई। इस क्लब हाउस में तीन सितारा जैसी सुविधाएं हैं। हाईटेक सुविधाओं से लैस कमरे, 2 स्वीमिंग पूल, 2 स्क्वॉश कोर्ट, टेबल टेनिस खेलने की सुविधाएं इसे गौरव प्रदान करती हैं।
मध्यप्रदेश टेबल टेनिस एसोसिएशन के महासचिव जयेश आचार्य ने बताया कि उनकी पत्नी और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रिंकू जब तीन देशों चेकोस्लोवाकिया, स्वीडन और बुल्गारिया में भारतीय टीम की कोच बनकर गई थी, तब वहां उनकी भेंट अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस फेडरेशन के माइकल एंडरसन (चेयरमैन, जूनियर डेवलपमेंट कमीशन) से हुई थी। रिंकू ने उन्हें अभय प्रशाल के विराट स्वरूप और खेल सुविधाओं की जानकारी दी थी। किन्हीं कारणों से एंडरसन भारत नहीं आ सके, वरना अभय प्रशाल को अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस एकेडमी का दर्जा भी मिल जाता।
 
जयेश ने यह भी बताया कि अभय प्रशाल में रोजाना 15 टेबलों पर नियमित रूप से करीब 100 से ज्यादा खिलाड़ी और करीब 80 वेटरंस टेबल टेनिस का अभ्यास करते हैं। बैडमिंटन में भी सुबह 150 से ज्यादा खिलाड़ी खेलने आते हैं। विश्व जूनियर टेबल टेनिस में 18 देशों के खिलाड़ी भी अभय प्रशाल की सुविधाओं से बेहद खुश हैं। 

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