'नाइस गॉय' से 'बैड ब्वाय' बने दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच

सोमवार, 7 सितम्बर 2020 (23:29 IST)
न्यूयॉर्क। महिला लाइन जज को अनजाने में गेंद मारने के बाद वर्ष के आखिरी ग्रैंड स्लेम यूएस ओपन टेनिस टूर्नामेंट से बाहर किए गए दुनिया के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविच 'नाइस गॉय' से 'बैड ब्वाय' बन सकते हैं।
 
जोकोविच ने यूएस ओपन के प्री क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान गलती से गेंद को पीछे मारा जो पीछे खड़ी महिला लाइन जज को लगी। इसके बाद उन्हें टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित कर दिया गया। जोकोविच ने हालांकि इस व्यवहार के लिए माफी मांगी लेकिन टेनिस जगत से इस घटना पर मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली है।
 
ब्रिटेन के पूर्व टेनिस खिलाड़ी ग्रेग रुसेदस्की ने कहा, विश्वास नहीं हो रहा कि जोकोविच दोषी पाए गए हैं। नियम के अनुसार यह सही फैसला है भले ही उन्होंने यह अनजाने में किया गया या नहीं। जोकोविच को प्रेस वार्ता कर माफी मांगनी चाहिए थी। हमें अपने व्यवहार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए चाहे हालात कैसे भी हों।
 
भारत के शीर्ष युगल खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने कहा, इस घटना की मजेदार बात यह है कि अगर यह मामला एश या आर्मस्ट्रांग की जगह किसी अन्य कोर्ट पर होता तो ऐसा कुछ भी नहीं होता क्योंकि अन्य कोर्ट इलेक्ट्रोनिक कॉलिंग सिग्नल हैं वहां लाइंसमैन नहीं होते हैं।
जोकोविच के खिलाफ प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबला खेलने वाले कारेनो बुस्ता ने कहा, मेरे ख्याल से उन्होंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया। मुझे नहीं लगता कि हम लोगों में से कोई कभी ऐसा जानबूझकर करेगा। मैंने उनकी सर्विस तोड़ी और उन्होंने निराशा में बॉल को हिट किया। मेरे ख्याल से उनका भाग्य खराब था। आप ऐसा नहीं कर सकते लेकिन मेरा मानना है कि जोकोविच लाइन जज को हिट नहीं करना चाहते थे। मैं माफी चाहता हूं क्योंकि मैं ऐसे क्वार्टरफाइनल में नहीं पहुंचना चाहता था।
 
पांचवीं सीड जर्मनी एलेक्जेंडर ज्वेरेव ने कहा, यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने लाइन जज को हिट किया। जोकोविच दुर्भाग्यशाली रहे। मेरे ख्याल से वह इसके कारण थोड़े परेशान हैं। अगर वह कहीं और हिट करते या गेंद कहीं और गिरती तो उन पर जुर्माना नहीं लगता। मैं थोड़ा सदमे में हूं।
 
18 बार की ग्रैंड स्लैम चैंपियन मार्टिना नवरातिलोवा ने कहा, जो कोर्ट में हुआ वो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। जोकोविच ने अनजाने में ही सही लेकिन लाइन जज को हिट किया और अधिकारियों के पास उन पर जुर्माना लगाने के सिवाए कुछ विकल्प नहीं था।

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