Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी का सर्वे शुरू, ASI टीम के साथ भारी पुलिस दल तैनात, मुस्लिम पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

Gyanvapi Masjid Survey : वाराणसी जिला न्यायालय के आदेश के बाद सोमवार की सुबह 7 बजे से ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वे शुरू हो चुका है। इस दौरान वजूखाने को छोड़कर बाकी पूरे परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा सर्वे किया जाएगा। किसी आशंका के चलते मौके पर ASI टीम के साथ भारी पुलिस बल भी तैनात है। बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में सर्वे कर रही टीम में कुल 32 लोग शामिल हैं। जिनमें ASI के 24 सदस्य, 4 महिला और 4 वकील शामिल हैं।

अगस्त में आएगी रिपोर्ट: बता दें कि सर्वे पूरा होने के बाद 4 अगस्त तक एएसआई की टीम अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी। सोमवार सुबह करीब 7 बजे से ही सर्वे शुरू कर दिया। हालांकि सर्वे के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी ना हो, इसके लिए व्यवस्था पहले से ही पूरी कर ली गई है। ज्ञानवापी परिसर का सर्वे करने वाली टीम रविवार रात को ही वाराणसी पहुंच गई थी और कमिश्नर के साथ बैठक का एक दौर भी पूरा हो चुका है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष : इस सर्वे को रोकने के लिए मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। याचिका दायर कर मांग की गई है कि ये सर्वे तुरंत रुकना चाहिए। बताया जा रहा है कि मुस्लिम पक्ष की याचिका पर भी आज ही सुनवाई होगी। बता दें कि बीते शुक्रवार को वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक सर्वे को अनुमति दे दी थी। लेकिन स्पष्ट रूप से कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जिस वजूखाने वाले इलाकों को सील करने को कहा गया है, वहां पर कोई सर्वे नहीं होगा। ऐसे में बाकी जगहों का सर्वे भी सुबह शुरू हो गया है।

क्या है मामला?
शिवलिंग मिलेने का दावा : अप्रैल 2022 में दिवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। मुस्लिम पक्ष के विरोध के बीच सर्वेक्षण अंततः मई 2022 में पूरा हुआ था। इसी दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर के अंदर वजू के लिए बने तालाब में ‘शिवलिंग’ मिलने का दावा किया था, वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था।

क्या है ज्ञानवापी विवाद : ज्ञानवापी का ताजा विवाद मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की रोज पूजा के अधिकार की मांग के बाद खड़ा हुआ। ये मूर्तियां ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं। इस विवाद की शुरुआत 18 अगस्त 2021 को हुई थी, जब 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन और दर्शन की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था। पहले इस परिसर में साल में केवल 2 बार परंपरा के मुताबिक पूजा की जाती थी, लेकिन फिर इन महिलाओं ने मांग की, कि अन्य देवी देवताओं की पूजा में बाधा नहीं आनी चाहिए।

इसमें हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी वाली जगह पर पहले एक मंदिर था, लेकिन 17वीं शताब्दी में उसे मुगल शासक औरंगजेब ने ध्वस्त करवा दिया था। बीते अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने स्थानीय अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसमें मस्जिद परिसर के अंदर स्थित मां श्रृंगार गौरी स्थल पर नियमित पूजा के अधिकार की मांग की गई थी। अप्रैल 2022 में दिवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। अब सर्वे खत्म होने के बाद आने वाल जांच से बहुत हद तक स्पष्ट हो पाएगा कि वास्तव में वहां क्या है और क्या नहीं। बता दें कि हिंदू पक्ष लगातार सर्वे की मांग कर रहा था। जिसके चलते सोमवार को सर्वे शुरू हो गया है।
Edited by navin rangiyal/Bhasha Input

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